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भगवान महाकाल को रूपचौदस पर लगेगा अन्नकूट
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर में 29 अक्टूबर को रूपचौदस पर अन्नकूट लगाया जाएगा। सबसे पहले भगवान महाकालेश्वर को अन्नकूट लगाने की परंपरा है। इसके बाद दीपावली व दूसरे दिनों से अन्य पुष्टिमार्गीय मंदिरों में अन्नकूट लगाने की शुरुआत होती है। पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया रूपचौदस पर तड़के होने वाली भस्मारती में पुजारी भगवान को केसर, चंदन, हल्दी, कस्तूरी व उबटन के साथ गर्म जल द्वारा अभ्यंग स्नान कराकर अन्नकूट का भोग लगाएंगे। इसी दिन से भगवान महाकालेश्वर को गर्म जल से स्नान करवाने की भी शुरुआत होगी। मंदिर की परंपरा अनुसार भगवान महाकाल को सबसे पहले अन्नकूट लगाया जाता है।
इस दिन पुजारी भगवान के साथ फूलझड़ी चलाकर दीपावली मनाते हैं। चैत्र और कार्तिक में मौसम के अनुसार भगवान की दिनचर्या बदलती है इसलिए सोमवार से मंदिर में तीन आरती का समय भी बदल गया है। भस्मारती, सांयकाल पूजन एवं शयन आरती अपने समय पर होगी, वहीं द्दयोदक, भोग एवं संध्या आरती के समय में बदलाव किया है।
आज से आरती का समय
तड़के 4 बजे भस्मारती
सुबह 7.30 बजे द्दयोदक आरती
सुबह 10.30 बजे भोग आरती
शाम 5.00 बजे सांयकाल पूजन
शाम 6.30 बजे संध्या आरती
रात 10.30 बजे शयन आरती
रात 11 बजे पट बंद होंगे