- भस्म आरती: मंदिर के पट खोलते ही गूंज उठी 'जय श्री महाकाल' की गूंज, बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार कर भस्म अर्पित की गई!
- भस्म आरती: मकर संक्रांति पर बाबा महाकाल का किया गया दिव्य श्रृंगार, तिल्ली के लड्डू से सजा महाकाल का भोग !
- मुख्यमंत्री मोहन यादव का उज्जैन दौरा,कपिला गौ-शाला में गौ-माता मंदिर सेवा स्थल का किया भूमि-पूजन; केंद्रीय जलशक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल भी थे मौजूद
- उज्जैन और विदिशा में जिला अध्यक्षों की घोषणा, उज्जैन BJP शहर अध्यक्ष बने संजय अग्रवाल; अगले 24 घंटे में और नाम होंगे जारी!
- भस्म आरती: भगवान महाकाल का दिव्य श्रृंगार कर चढ़ाई गई भस्म, उज्जैन में हर ओर गूंजे जय श्री महाकाल के नारे!
शिक्षा में उज्जैन का उदय:तीन विवि, 225 कॉलेज हर साल तैयार कर रहे दो लाख विद्यार्थी
उज्जैन में भगवान श्रीकृष्ण ने भाई बलराम और मित्र सुदामा के साथ आकर गुरु सांदीपनि से शिक्षा ली थी। इस नगरी में अब शिक्षा के कदम इतने ज्यादा विस्तारित हो गए हैं कि यहां पारंपरिक कोर्सेस से लेकर अत्याधुनिक एवं रोजगार परक कोर्सेस में न केवल उज्जैन, बल्कि देश के अन्य प्रदेशों और विदेशों से भी विद्यार्थी एडमिशन में रुचि दिखाते हुए प्रवेश ले रहे हैं।
शहर के तीन विवि से संबद्ध सहित परिक्षेत्र के 225 कॉलेज से हर वर्ष तकरीबन दो लाख विद्यार्थी अलग-अलग कोर्सेस में तैयार हो रहे है। उज्जैन में शिक्षा के विस्तार को इसी बात से समझा जा सकता है कि दो दशकों में यहां पारंपरिक विक्रम विश्वविद्यालय के अलावा एक अन्य विश्वविद्यालय महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय की भी स्थापना की गई। इसके अलावा पुणे के एमआईटी ग्रुप ने भी प्रदेश में पहली डिजाइन यूनिवर्सिटी खोलने के लिए उज्जैन का चयन किया।
अगले सत्र से शुरू होगा मेडिकल कॉलेज
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया उज्जैन को एजुकेशन हब के रूप में विकसित करेंगे। एक-दो वर्ष के भीतर ही नए विश्वविद्यालय और कॉलेज यहां इकाइयां शुरू कर सकते हैं। अगले सत्र से ही मेडिकल कॉलेज भी शुरू करवाया जा रहा है।
संभाग के 180 से अिधक शासकीय व निजी कॉलेज विक्रम विवि से संबद्ध
- उज्जैन में वर्तमान में तीन विवि हैं। इसमें विक्रम विवि और महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विवि शासकीय हैं। पुणे के एमआईटी ग्रुप का अवंतिका विवि भी लेकोड़ा में है।
- विक्रम विवि में 1.80 लाख से अधिक विद्यार्थी जुड़े हैं। संभाग के 180 से अधिक शासकीय और निजी महाविद्यालय विक्रम विवि से संबद्ध हैं।
- महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विवि में 2 हजार से अधिक विद्यार्थी संस्कृत, वेद, ज्योतिष आदि के अध्ययन से जुड़े हैं। प्रदेश के लगभग अन्य शहरों में बने 12 से अधिक कॉलेज इससे संबद्ध हैं।
- चिंतामन गणेश मंदिर रोड पर महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान बना है। जहां से देशभर की 300 से अधिक वेद पाठशालाओं और गुरु-शिष्य परंपरा इकाइयों का संचालन किया जाता है।
- शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के अलावा अन्य बड़े निजी इंजीनियरिंग कॉलेज हैं।
- आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालय स्थापित है। इसी महाविद्यालय द्वारा आयुर्वेद चिकित्सालय का संचालन किया जाता है।
- मेडिकल के क्षेत्र में एक निजी मेडिकल कॉलेज है। इसके अलावा शासकीय व निजी नर्सिंग कॉलेज भी शहर में हैं।