शिप्रा मैया संकट में:वो नंबर-1 इंदौर है जो नाले को फिर नदी बनाने की ओर है और एक हम हैं…जहां गंदगी से खुद मोक्ष मांग रही शिप्रा

मोक्षदायिनी शिप्रा, पौराणिक काल से यह पूजनीय और आस्था का प्रवाह रही है। इसकी हालत हम ही नाले में तब्दिल करने से बाज नहीं आ रहे। दूसरी तरफ इंदौर है जहां गंदे नाले को नदी जैसा स्वच्छ बनाया जा रहा है। इंदौर में शिप्रा जैसी नदी नहीं है इसलिए वहां से रहवासी शहर के सीवरेज को बहाने वाले नाले को नदी में बदलने में जुटे हैं। कई जगह इसमें सफलता भी मिली है।

यह शर्म की बात है कि हमारे पूर्वजों ने जिस पवित्र और स्वच्छ शिप्रा को हमें सौंपा था, हम उसमें रोज कचरा डाल कर नाले में बदलने में लगे हैं। नगर निगम ने शहर की जीवन रेखा कही जाने वाली शिप्रा को साफ रखने के लिए अमला तैनात किया है। घाटों पर विसर्जन कुंड और डस्टबिन आदि की व्यवस्था की है। बावजूद श्रद्धालु पूजन सामग्री, फूल आदि नदी में विसर्जित कर इसे गंदा कर रहे हैं। निगम ने शिप्रा के पानी को स्वच्छ करने के लिए फव्वारे भी लगाए हैं। यदि शिप्रा में कचरा डालने का सिलसिला नहीं रुका तो वह दिन दूर नहीं जब यह पवित्र नदी भी नाले में बदल जाएगी। जरूरत यह है कि शिप्रा को साफ रखने में हम निगम के मददगार बनें।

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