- महाकाल मंदिर में फिर आकार लेगा 1000 साल पुराना टेंपल: खुदाई में मिले थे परमारकालीन अवशेष, 37 फीट ऊंचा भव्य मंदिर बनेगा
- उज्जैन कलेक्टर ने जीवनखेड़ी को सिंहस्थ क्षेत्र अधिसूचित किया
- भस्म आरती दर्शन शुक्रवार: चंदन, भांग, चेरी और बिल्ब पत्र अर्पित कर भगवान गणेश के रूप में श्रृंगार
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 22 सितंबर को उज्जैन आएंगे, भक्त निवास और अन्नक्षेत्र का लोकार्पण करेंगे
- भस्म आरती दर्शन: भांग, चंदन, सूखे मेवों से बाबा महाकाल का गणेश रूपी दिव्य श्रृंगार
श्री रामलीला आयोजन:3 मंचों पर 125 कलाकार करेंगे रामलीला, 10 साल पहले रिकॉर्ड किए संवाद सुनाई देंगे

पहली बार रामलीला के हर दिन मंचन के बाद दिया जाएगा पर्यावरण संरक्षण और बेटी बचाओ का संदेश
क्षीरसागर मैदान में नवरात्रि के दौरान होने वाली रामलीला की यादें फिर ताजा होने वाली हैं। श्री रामलीला आयोजन समिति संस्कार मंच ने अक्टूबर माह में आगर रोड स्थित सामाजिक न्याय परिसर में रामलीला के मंचन की रूपरेखा तैयार की है। लाइट एंड साउंड का आयोजन 8 से 16 अक्टूबर तक शाम 7 बजे से किया जाएगा।
संस्था संयोजक सोनू गहलोत ने बताया कि पूर्व में क्षीरसागर और सामाजिक न्याय परिसर में यह आयोजन होता आया है। इसके संवाद जीवन प्रबंधन गुरु पं. विजयशंकर मेहता ने लिखे हैं। खास यह है कि प्रत्येक दिन मंचन के बाद पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा।
ज्यादा लोग जुड़ें इसलिए मैदान के एक छोर पर लगाएंगे मंच
रामलीला का मंच शहर के लिए नया नहीं है लेकिन कोरोना के दो साल बाद इसकी प्रस्तुति नए स्वरूप में करने की योजना बनाई जा रही है। गेहलोत का कहना है कि कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ें इसके लिए मंच को सामाजिक न्याय परिसर के एक छोर पर बनाया जाएगा। पार्किंग के लिए मैदान के दूसरे भाग का प्रयोग किया जाएगा।
क्षीरसागर पर रामलीला के लिए निगम से मिलते थे पांच हजार
क्षीरसागर मैदान पर रामलीला का मंचन देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग शाम से ही मैदान में जुट जाते थे। आयोजन से जुड़े मौनतीर्थ के पीठाधीश्वर सुमनभाई ने बताया निगम की ओर से रामलीला के मंचन के लिए पांच हजार रुपए दिए जाते थे। बाद में यह क्रम बंद कर दिया गया। ऐसे में क्षीरसागर पर होने वाली रामलीला को बंद करना पड़ा।
पहली बार डिजाइनर मंच पर होगी रामलीला
इसके पूर्व कई सारे सेट डिजाइनर ने रामलीला को विभूषित किया हैं, जिसमें फ्लेक्स से बने राजमहल, क्रश पेपर से बनी चट्टानों से लेकर रिवाल्विंग सेट यानी ऐसा सेट जिसका स्थान पूरी तरह परिणत किया जा सके, का प्रयोग किया जाएगा। इसी तरह के नित नवप्रयोगों के साथ नए सेट दिखाई देंगे। जो अत्याधुनिक तकनीक के होंगे।