- भस्म आरती: मस्तक पर सूर्य, भांग, चन्दन और त्रिपुण्ड अर्पित कर किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार!
- भस्म आरती: बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार त्रिपुण्ड, भांग, चन्दन अर्पित करके किया गया!
- भस्म आरती: राजा स्वरूप में सजे बाबा महाकाल, त्रिपुण्ड, त्रिनेत्र, चन्दन और फूलों की माला अर्पित कर किया गया दिव्य श्रृंगार
- बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए 'गदर 2' के अभिनेता उत्कर्ष शर्मा, लगभग दो घंटे तक महाकाल की भक्ति में दिखे लीन; उत्कर्ष बोले- मेरे लिए बेहद अद्भुत अनुभव!
- भस्म आरती: वैष्णव तिलक, चन्दन का चंद्र, आभूषण अर्पित कर बाबा महाकाल का किया गया गणेश स्वरूप में दिव्य श्रृंगार!
अच्छी आदतों का पॉजिटिव असर: मलेरिया के 8, डेंगू का 1 केस, सर्दी खांसी-बुखार में 32% तक कमी; सालभर में आया ऐसा बदलाव
मास्क लगाने, बार-बार हाथ व खाद्य पदार्थों को धोने के साथ ही सेहत के प्रति सतर्क रहने की सीख दे गया कोरोना काल कई चुनौतियां लेकर आया कोरोना लोगों को सेहत के प्रति अलर्ट करते हुए कई अच्छी आदतों की सीख भी दे गया। इसका नतीजा यह हुआ कि जिले में बीमारियां कम होने लगी हैं। 2020 में जिले में मलेरिया के केवल 8 और डेंगू का एक ही केस मिला। सर्दी-खांसी, बुखार सहित अन्य बीमारियों में भी 32 फीसदी की कमी आई है। आंकड़ों से स्पष्ट है कि जिला अस्पताल की ओपीडी में 2019 में इन बीमारियों के 357027 रोगी पहुंचे थे, जिनकी संख्या 2020 में घटकर 239867 रह गई। यानी 117160 रोगी कम हुए।
करीब एक साल के इस कोरोना काल में लोगों ने गर्मी-बारिश व ठंड तीनों मौसम देखे हैं। अमूमन मौसम बदलने के साथ ही लोगों में मलेरिया, डेंगू, सर्दी, खांसी, बुखार व उल्टी-दस्त तथा हैजा जैसी बीमारियां फैलने का अंदेशा रहता है। कहते हैं मास्क पहनना, एक-दूसरे से दूरी बनाए रखना, हाथ धोना, खाद्य पदार्थों काे धोकर व अच्छे से पकाकर खाना, व्यायाम-योगा, बाहर की खाद्य वस्तुओं को नजर अंदाज करने के साथ ही बेवजह बाहर नहीं घूमने जैसी आदतों की वजह से बीमारियों का ग्राफ और भी नीचे जा सकता है।
किस वर्ष कितने मरीज