अभी तो जारी है लड़ाई:इंदौर-देवास, बड़नगर-उज्जैन के लोग सुबह से खड़े थे

ऑक्सीजन के लिए मारामारी शुरू हो गई है। हालात यह है कि शुक्रवार शाम अगर पुलिस तपोभूमि ग्राम गंगेड़ी स्थित प्लांट पर नहीं पहुंचती तो परिजनों का फूटा आक्रोश उग्र रूप धारण कर चुका था। यहां इंदौर, देवास, मक्सी, तराना, बड़नगर तक से परिजन दिनभर से खड़े थे। बावजूद शाम 6 बजे तक किसी को भी एक सिलेंडर भी रिफिल करके नहीं दिया जा रहा था।

गंगेड़ी के भास्कर प्रतिनिधि धर्मेंद्र बागबान के अनुसार लोग परेशान हो रह थे और निजी अस्पतालों के वाहनों में सिलेंडर हाथोंहाथ भरकर जा रहे थे। देवास के नीतेश ने बताया वे दोपहर 12 बजे से खड़े हैं। उनका पेशेंट अमलतास में भर्ती है। कई बार कर्मचारियों के हाथ जोड़े, मगर नहीं का भी यही दर्द था। प्लांट संचालक जयंत वैद्य ने बताया हम और हमारे कर्मचारी 24 घंटे जुटे हैं। हमें प्रशासनिक व्यवस्थाओं के साथ चलना पड़ता है। लोग थोड़ा सब्र रखें।

शाम 6 बजे प्लांट पर विवाद की सूचना मिलने पर पहुंची नानाखेड़ा पुलिस को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। अफसरों ने संयम रखकर सबकी बात सुनकर भरोसा दिलाया कि बगैर सिलेंडर के कोई वापस नहीं भेजा जाएगा। बस आप लोग कतार लगा लीजिए। इस पर लोग शांत हुए। बमुश्किल एक घंटे के भीतर करीब 90 लोगों को सिलेंडर भरकर रवाना किया गया।

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