कोशिशों को मिली प्राणवायु:आरडी गार्डी के लिए 24 घंटे में मिला लाइसेंस एकसाथ स्टोर कर सकेंगे 13 टन ऑक्सीजन

बेड संकट और ऑक्सीजन की मारामारी। आरडी गार्डी में नो-बेड का नोटिस, झगड़े, गुहार, रुदन और मौतें…। इन सबके बीच व्यवस्थाओं की कोशिशों को शुक्रवार को प्राणवायु मिली। आरडी गार्डी में जल्द ही 13 टन ऑक्सीजन स्टोर का टैंक शुरू होने वाला है। इसके लिए आरडी गार्डी प्रबंधन की ओर से लाइसेंस का आवेदन किया गया था, जिसे कलेक्टर आशीष सिंह ने 24 घंटे के अंदर अप्रूव कर दिया। टैंक लगने की तैयारी शुरू हो गई है। संभवत: एक-दो दिन में इसे शुरू कर दिया जाएगा। ऐसा होते ही आरडी गार्डी में ऑक्सीजन वाले 100 से ज्यादा बेड बढ़ाए जा सकेंगे और इलाज के लिए भटक रहे लोगों की जिंदगी भी बचाई जा सकेगी।

कलेक्टर सिंह ने बताया कि अभी तक टैंकरों से लिक्विड ऑक्सीजन 10 से 12 टन आती थी। उसे प्लांट पर स्टोर करने के बाद छोटे सिलेंडरों से भेजा जाता था। अब हम एकसाथ 20 टन ऑक्सीजन बुलाकर 13 टन आरडी गार्डी में स्टोर कर पाएंगे और बाकी को छोटे सिलेंडर या प्लांट के जरिये अन्य जगह आपूर्ति कर पाएंगे। आरडी गार्डी में एक बार में 13 टन ऑक्सीजन जमा होते ही दो से ढाई दिन की व्यवस्था हो जाएगी। इसके साथ ही नए बेड बढ़ाने से मरीजों के लिए संकट भी खत्म हो जाएगा।

शुरू हो सर्वे : घरों में इलाज करने वालों की जांच की जाए

संक्रमण फैलने का एक कारण लोगों की लापरवाही भी है। शुरुआती लक्षण के बाद लोग घरों में रुककर इलाज करते रहते हैं या गली-मोहल्लों के डॉक्टर से दवाई ले लेते हैं। जब हालत बिगड़ने लग जाती है और संक्रमण काबू से बाहर होने लगता है, तो जांच करवाने भागते हैं। ऐसे में ऑक्सीजन लेवल तेजी से कम होता है। यदि प्रशासन पिछली बार की तरह डोर टू डोर सर्वे शुरू कर दे, तो इस स्थिति पर काबू पाया जा सकता है। ऐसे पिछली बार भी हुआ था, उसी से हालात काबू में आए थे।

350 नए मरीज: 1 की मौत और 322 ठीक होकर घर पहुंचे

हेल्थ बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार को लैब से 1750 लोगों की रिपोर्ट आई है। इनमें 350 मरीज पॉजिटिव पाए गए। कुल संख्या 11007 हो गई है। शुक्रवार को एक और मरीज की मौत हुई है। मरने वालों की संख्या बढ़कर 133 हो गई है। शुक्रवार को 322 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर पहुंचे हैं।

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