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आतिशबाजी के बीच श्री कृष्ण का जन्मोत्सव:भक्तों की भारी भीड़ के बीच महाकाल की नगरी कृष्ण मय हुई
उज्जैन। भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन जन्माष्मी के पर्व पर कृष्ण मय हो गई। देर रात तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिरो में डटे रहे। कोरोना के दो वर्ष के बाद मिली छूट के बाद भक्तों में भारी उत्साह देखने को मिला। इस्कॉन मंदिर में भक्तों की इतनी भीड़ रही की मंदिर में पैर रखने की जगह नहीं मिली। रात 12 बजते हुई भगवान के दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालुओं के बीच आतिशबाजी और पायरो शो से भगवान के जन्म का उत्सव मनाया गया।
इस्कॉन मंदिर में आतिशबाजी के बीच भगवान का जन्म
रात 12 बजे भगवान के जन्म का उल्लास देखने लायक था , इस्कॉन मंदिर में कृष्ण भक्ति में लींन भक्तो ने आतिशबाजी कर भगवान कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया। इससे पहले उज्जैन के भरतपुरी स्थित इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी पर शुक्रवार सुबह 4.30 बजे मंगल आरती के बाद सुबह 7.05 बजे श्रीमद् भागवत पर प्रवचन हुए। वहीं, सुबह 8.05 बजे गुरु पूजा व दर्शन आरती के बाद से ही श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन के लिए लगी रही। इसके अलावा फ्रीगंज स्थित छोटे गोपाल मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा का वाचन किया गया। टावर चौक पर आयोजित भजन संध्या और शहीद पार्क पर मटकी फोड़ आयोजन किया गया।
महाकाल की नगरी कृष्ण मय हुई
उज्जैन के गोपाल मंदिर में भी जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई गई। देर रात तक भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। इस दौरान विशेष पाठ-पूजा की गई। इससे पहले सिंधिया देव स्थान ट्रस्ट के प्रसिद्ध गोपाल मंदिर के प्रशासक गोपाल अजय धाकने ने बताया दिनभर मंदिर के पट खुले रहे। अभिषेक श्रृंगार के लिए शाम 7 बजे मंदिर के पट बंद किए गए थे। रात को 12 बजकर 10 मिनट पर पट खोलकर गोपाल जी की पूजा-अर्चना की गई।
रामानुजकोट में आज मनेगी जन्माष्टमी
उज्जैन में शनिवार को भी श्रीकृष्ण जन्म की धूम रहेगी। शिप्रा किनारे स्थित श्री रामानुजकोट पर भगवान वेंकटेश मंदिर में तिथि-नक्षत्र के अनुसार जन्माष्टमी पर्व मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय जो तिथि व नक्षत्र रहे उसी आधार पर यहां जन्माष्टमी पर्व शनिवार की रात में मनाया जाएगा।