उज्जैन:रेलवे स्टेशन के सामने होटल में व्यापारी ने की आत्महत्या

परिजन बोले- जीआरपी और इन्कम टैक्स अधिकारियों की प्रताडऩा के बाद की आत्महत्या

उज्जैन-हाथरस के हींग और मसाला व्यापारी ने रेलवे स्टेशन के सामने स्थित होटल में गर्दन काटकर आत्महत्या कर ली। परिजन उसकी तलाश में इंदौर होते हुए उज्जैन पहुंचे और यहां देवासगेट पुलिस ने परिजनों के सामने होटल का दरवाजा तोड़कर व्यापारी का शव कमरे से बरामद किया और पीएम के लिये जिला चिकित्सालय पहुंचाया।

यहां मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि जीआरपी और इन्कम टैक्स अधिकारियों की प्रताडऩा के बाद व्यापारी ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। उनके खिलाफ कार्रवाई होना चाहिये। हालांकि देवासगेट टीआई का कहना है कि फिलहाल मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम कराया है और परिजनों के बयानों के आधार पर आगे की जांच की जायेगी।

गौरव बंसल पिता राकेश बंसल (40 वर्ष) निवासी गिरीराज कॉलोनी हाथरस हींग और मसाले के व्यापारी थे। वह 4 दिसंबर की रात हाथरस से मथुरा के लिये निकले और वहां से ट्रेन में बैठकर 5 दिसंबर की सुबह इंदौर पहुंचे। इंदौर के व्यापारियों से रुपये लेने के बाद 6 दिसंबर की शाम को हाथरस लौटने के लिये इंदौर रेलवे स्टेशन से इंटरसिटी एक्सप्रेस में बैठने पहुंचे, जहां जीआरपी के जवानों ने उन्हें बैग चैकिंग के लिये थाने ले गये।

यहां जीआरपी ने गौरव बंसल के बैग से कथित तौर पर 19 लाख रुपये बरामद किये, जिसकी सूचना इन्कम टैक्स विभाग को दी गई। इन्कम टैक्स के अधिकारियों ने रात 1 बजे तक गौरव बंसल से थाने में पूछताछ की और उसके बाद नोटिस देकर बरामद रुपयों की डिटैल लाने का नोटिस देकर उन्हें छोड़ दिया। यहां से छूटकर गौरव बंसल इंदौर की होटल नीलम लौटे और हाथ की नस काटकर आत्महत्या का प्रयास किया। 7 दिसंबर की सुबह 6.33 पर होटल से निकलने के बाद पटेल ब्रिज पर आखिरी लोकेशन दिखी।

परिजनों को जब गौरव बंसल को पुलिस द्वारा पकडऩे की सूचना मिली तो वह हाथरस से सीधे इंदौर पहुंचे। पुलिस से संपर्क कर उनकी तलाश शुरू की। होटल नीलम पहुंचे तो देखा कि कमरे में खून फैला था लेकिन गौरव कहां चले गये इसकी जानकारी किसी को नहीं थी। उन्होंने पुलिस की मदद से बस स्टैंड पर गौरव के फोटो दिखाये तो एक बस कंडक्टर ने बताया कि गौरव को उज्जैन में बस से उतारा था।

इस पर परिजन उज्जैन आये और यहां देवासगेट पुलिस की मदद से उसकी होटलों में तलाश शुरू की। रेलवे स्टेशन के सामने स्थित प्रीति होटल में गौरव के ठहरने की जानकारी मिली। पुलिस के साथ कमरे तक पहुंचे लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस ने परिजनों की मौजूदगी में कमरे का दरवाजा तोड़ा और देखा तो खून से लथपथ गौरव का शव पलंग पर पड़ा था। पुलिस ने शव बरामद कर पीएम के लिये जिला चिकित्सालय भिजवाया। उसनके पेंट की जेब से इन्कम टैक्स विभाग का नोटिस बरामद हुआ, जिसमें रुपयों से जुड़े साक्ष्य प्रस्तुत करने की बात लिखी हुई थी।

यह लगाये परिजनों ने आरोप-गौरव के भाई शुभम ने बताया व्यापार के सिलसिले में गौरव का अलग-अलग शहरों में आना जाना था। इंदौर में भी गौरव माल सप्लाय करता था और उसी माल के रुपये लेने के लिये गौरव 4 दिसंबर को घर से निकला था। गौरव की मोबाइल पर परिजनों से लगातार बात हो रही थी, लेकिन 6 दिसंबर की शाम को जीआरपी द्वारा पकडऩे के बाद परिजनों से संपर्क नहीं हुआ।

देर रात तक गौरव से पूछताछ के दौरान मात्र दो मिनिट के लिये पिता राकेश से फोन पर बात कराई, जिसमें गौरव ने इतना बताया कि इन्कम टैक्स वालों ने पकड़ा है और जब्त रुपयों के कागजात मांग रहे हैं। शुभम बंसल के अनुसार गौरव को जीआरपी द्वारा पकडऩे की जानकारी इंदौर के व्यापारियों को लगी तो वह जीआरपी थाने उससे मिलने पहुंचे लेकिन पुलिस ने उनसे नहीं मिलने दिया और पूछताछ की बात कहते हुए थाने से भगा दिया।

 

प्रताडऩा के कारण उठाया कदम

शुभम के अनुसार पुलिस और इन्कम टैक्स विभाग के अधिकारियों द्वारा गौरव से 19 लाख रुपये बरामद की बात कही जा रही है जबकि यह रकम अधिक हो सकती है। रुपये मिलना इतना बड़ा अपराध नहीं होता, लेकिन पुलिस और इन्कम टैक्स अधिकारियों ने उसे घंटों तक थाने में बैठाकर मानसिक रूप से प्रताडि़त किया। संभवत: इसी कारण उसने आत्महत्या की। शुभम के अनुसार गौरव के दो बच्चे हैं।

 

अग्रवाल समाजजन पहुंचे

गौरव बंसल द्वारा आत्म्हत्या कर लेने की सूचना के बाद उज्जैन अग्रवाल समाज के ट्रस्टी विजय अग्रवाल समाजजनों के साथ जिला चिकित्सालय पहुंचे और मृतक के परिजनों को सहयोग का आश्वासन दिया। साथ ही पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग पुलिस से की। विजय अग्रवाल ने बताया कि गौरव के साथ हुई घटना दुखद है और समाज मृतक के परिजनों के सहयोग में हर प्रकार से तैयार है।

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