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उज्जैन के पुलिस फोटोग्राफर की किस्मत चमकी:जयपुर स्टेट फारेंसिक लैब में बने सीनियर साइंटिफिक अधिकारी
मप्र पुलिस को ऑल इंडिया पुलिस फोटाेग्राफी स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल व सिल्वर ट्रॉफी दिलाने उज्जैन पुलिस के फोटोग्राफर शिवलाल धाकड़ राजस्थान सरकार के राजपत्रित अधिकारी बन गए है। क्लास वन अधिकारी के रूप में सीनियर वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर उनका चयन हुआ है। अगले सप्ताह से धाकड़ जयपुर की स्टेट फारेंसिक लैब में सेवा देंगे। मूलत: नीमच निवासी शिवलाल धाकड़ साल 2013 में पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर टेक्नीकल के रूप में भर्ती हुए थे।
आठ साल पुलिस विभाग में उन्होंने फोटोग्राफर का दायित्व संभाला और पुलिस फोटोग्राफी में मप्र पुलिस को कई अवार्ड भी दिलाए। इसके बावजूद मन में कुछ और करने और आगे बढ़ने का जज्बा था। साल 2019 में उन्होंने राजस्थान लोक सेवा आयोग परीक्षा में भाग लिया। भाग्य ने साथ दिया और उनका चयन सीनियर साईंटिफिक अधिकारी एफएसएल जयपुर स्टेट लैब के लिए हो गया। धाकड़ ने कहा कि राजस्थान सरकार ने ज्वाइनिंग लेटर भेज दिया, 15 दिन के भीतर वहां ज्वाइनिंग देना है इसलिए पुलिस विभाग से इस्तीफे के लिए पुलिस अधीक्षक को आवेदन दे दिया।
सरहद संभाली, टीचर भी रहे, क्योंकि मन में कुछ नया करने का जज्बा था
धाकड़ पुलिस विभाग से पहले साल 2010 में भारतीय सेना में रह चुके है। बीएसएफ में बतौर प्लाटून कमांडर उन्होंने भारत-पाक सीमा पर सेवा दी। बीएड व बीएससी में टॉपर होने से उन्हें नवोदय विद्यालय में नौकरी मिल गई। सेना की नौकरी छोड़ यहां शिक्षण सेवा दी लेकिन इस बीच 2013 में वे पुलिस भर्ती में सब इंस्पेक्टर के रूप में चयनित हो गए तो वहां नौकरी छोड़ पुलिस विभाग में आ गए। अब राजस्थान लोक सेवा आयोग परीक्षा में चुन लिए गए। मेहनत, लगन के साथ भाग्य ने भी उनका साथ दिया।
फॉरेन रिटर्न उज्जैन की एफएसएल अधिकारी डॉ. प्रीति असिस्टेंट प्रोफेसर बनीं, तनख्वाह भी ज्यादा, बोलीं- पुलिस में ही सेवा दूंगी
दो साल तक विदेश में सेवा दे चुकी उज्जैन पुलिस विभाग की एफएसएल अधिकारी डॉक्टर प्रीति गायकवाड़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में असिस्टेंट प्रोफेसर चयनित हुई है। उच्च शिक्षा विभाग ने उन्हें शासकीय महाविद्यालय जीरापुर राजगढ़ में नियुक्ति के लिए ज्वाइनिंग लेटर भेजा है। वेतन 57 हजार 700 रुपए तय किया है। मप्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सहायक प्राध्यापक चयनित होने पर मप्र के उच्च शिक्षा विभाग ने उन्हें बधाई देते हुए शासकीय जीरापुर महाविद्यालय में सेवा देने के लिए पत्र भेजा है। हालांकि डॉक्टर प्रीति पुलिस विभाग में ही एफएसएल अधिकारी के रूप में सेवा देना चाहती है।
उच्च शिक्षा विभाग में अधिक वेतन के बावजूद उनका कहना है कि यहां रहकर फॉरेसिंक क्षेत्र में ही अधिक और नया सीखना चाहती हूं ताकि इस क्षेत्र में नई पीढ़ी को आगे ला सकूं। लोक सेवा आयोग की परीक्षा इसलिए दी थी कि नई पीढ़ी के लिए उदाहरण बन उन्हें यह मैसेज दे सकूं कि असंभव कुछ नहीं है बस लगन रख ठान लो मंजिल खुद रास्ता देगी।