उज्जैन के मौनतीर्थ में विराजित हैं गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा पूजित शालिग्राम

कार्तिक मास में मौनतीर्थ पीठ में विराजित गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा पूजित शालिग्राम का नित्य अभिषेक पूजन किया जा रहा है। बड़ी संख्या में भक्त प्रतिदिन दर्शन तथा शाम को मंदिर के समीप शिप्रा के गंगा घाट पर दीपदान के लिए पहुंच रहे हैं।

महामंडलेश्वर डा. सुमनानंद गिरी महाराज ने बताया काशी में तुलसीदासजी का अखाड़ा नाम से एक स्थान है। यहां गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा लिखित रामायण की मूलप्रति, श्रीरामजी का मंदिर, पादुकाएं तथा अन्य वस्तुएं मौजूद है। यह दिव्य शालिग्राम भी उन्हीं में से एक है।

एक बार मैं काशी में श्रीराम कथा करने गया था, कथा का श्रवण करने गोस्वामी अखाड़े के महंत वीरभद्र मिश्र भी आते थे। कथा के समापन पर उन्होंने व्यास पीठ को यह दिव्य शालिग्राम भेंट किया था।

साथ ही कहा था कि गोस्वामी तुलसीदासजी इनका पूजन किया करते थे, आगे से जब भी आप श्रीराम कथा करें तो इन्हीं की साक्षी में करें यह शिला में व्यासपीठ को भेंट करता हूं। इस प्रकार यह शालिग्रामजी मौनतीर्थ पधारे, कार्तिक मास में तुलसी शालिग्रामजी के पूजन का विशेष महत्व है।

मास पर्यंत नित्य शालिग्रामजी का अभिषेक पूजन तथा शाम को शिप्रा के गंगा घाट पर दीपदान होता है। कार्तिक मास में कोई भी भक्त आश्रम आकर सुबह के समय विद्वान ब्राह्मणों के आचार्यत्व में शालिग्रामजी का अभिषेक व दर्शन कर सकता है।

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