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उज्जैन में पारा 4. 5 डिग्री,सीजन की दूसरी सबसे सर्द रात
उज्जैन। मध्यप्रदेश में बारिश और ओलों के बाद ठंड ने फिर जोर पकड़ लिया है। उज्जैन में सीजन में दूसरी बार रात का पारा ५ डिग्री से नीचे आ गया।मंगलवार-बुधवार की रात उज्जैन में तापमान 4.5 डिग्री दर्ज किया गया। मध्यप्रदेश में मंगलवार को सबसे ठंडे इंदौर, धार, सागर, विदिशा, अशोकनगर और भोपाल रहे। प्रदेश के अधिकांश इलाकों में दिन का तापमान 20 डिग्री के नीचे आ गया। रात में 10 के नीचे चला गया। कई जगह शीतलहर दिन में चली। रात में भी ठिठुरन बढ़ गई।
सिवनी में ओलों से मुसीबत….जिले में मंगलवार शाम भारी ओलावृष्टि ने तबाही मचाई। तेज आंधी व बारिश के साथ करीब 10 मिनट तक हुई ओलावृष्टि से खेतों, सड़कों, लोगों के घरों की छतों में बर्फ की चादर बिछ गई।
यह बना है सिस्टम…वर्तमान में जम्मू के ऊपर पश्चिमी विक्षोभ (पाकिस्तान से आने वाली हवाएं) एक चक्रवातीय गतिविधियों के रूप में ट्रफ बनी हुई है। इससे होकर एक अन्य ट्रफ लाइन दक्षिण-पूर्वी मध्यप्रदेश तक गुजर रही हैं। दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी और कोंकण में एक ट्रफ के साथ अन्य चक्रवातीय गतिविधियां भी सक्रिय हैं। इससे ठंड बढ़ी है।
ठिठुरन: हवाओं ने डेरा जमाया, धूप खिली, सर्दी बढ़ी
आखिरकार ठंड ने आखिर जोर पकड़ ही लिया। दो दिनों से वातावरण में जोरदार ठंडक घुली हुई थी। न्यूनतम तापमान ऐसा तेजी से नीचे आया कि सीजन की दूसरी सबसे सर्द रात हो गई। रात का तापमान कम होने के बाद पाला पडऩे की आशंका है। उज्जैन में 2३ दिन पहले 20-21 दिसंबर की दरमियानी रात तापमान 4.5 डिग्री था। एक बार फिर यह 11-12 जनवरी को 4.5 डिग्री पर आ गया।
मंगलवार को सर्द हवाओं के कारण शीत लहर शुरू हो गई। मौसम विभाग ने पाला पडऩे की आशंका जताई है। मंगलवार की रात का पारा 8.4 और दिन का 16 डिग्री था। एकाएक 12 डिग्री तापमान गिरने से पाला पडऩे की आशंका है। इसके पहले 18 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 6 डिग्री दर्ज किया गया था। मंगलवार को दिनभर मौसम में काफी ठंडक रही। इसका असर रात को नजर आया। नतीजतन ठिठुरन बढ़ गई।
सड़कें दिखने लगी सूनी… सर्द मौसम का असर अब आवाजाही पर भी दिखाई देने लगा है। रात को सड़कें जल्द सुनी हो रही है, तो सुबह भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। लोग काफी समय तक घरों में ही रहे। दिन-रात का तापमान गिरने से शाम 7 बजे बाद ही शहर की सड़कों का ट्रैफिक कम होने लगा है।
यह सीजन का दूसरा सीवियर कोल्ड डे रहा……दरअसल पश्चिम विक्षोभ का असर खत्म होते ही दिन का अधिकतम सामान्य से 9.8 डिग्री कम होकर 16.0 डिग्री सेल्सियस रहा। इसी तरह मंगलवार-बुधवार की दरमियान रात का न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस रहा। बुधवार को सुबह भी अच्छा कोहरा था।
विजिबिलिटी 1000 मीटर की रही। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अभी पांच-छह दिनों तक ऐसा ही मौसम रहेगा। हवा की दिशा अभी नार्थ-ईस्ट की बनी हुई है। इसके साथ ही सर्द हवाओं का जोर रहेगा। बता दें कि करीब 20 दिन पहले भी सीवियर कोल्ड डे रहा था। इसमें अधिकतम तापमान सामान्य से 10 डिग्री रहने के साथ ही न्यूनतम तापमान 8 डिग्री से कम रहने पर सीवियर कोल्ड डे की स्थिति निर्मित होती है।
इसलिए बनी हुई पाला पडऩे की आशंका…..बुधवार को आकाश पूरी तरह से साफ रहा। हवा में 88त्न नमी है। साथ ही यदि शाम को वातवरण में तापमान ज्यादा-कम हो और जमीन पर तापमान शून्य या कम हो जाए तो ऐसी स्थिति में हवा में मौजूद नमी जल वाष्पीकृत होकर ठोस अवस्था में (बर्फ) बदल जाती है। साथ ही पौधों की पत्तियों में मौजूद ओस के कण बर्फ के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं, जिससे पत्तियों की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती है।