श्री महाकालेश्वर मंदिर में 10 से 14 अक्तूबर तक चले उमा सांझी महोत्सव में सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर की तरह वर्ष में एक बार निकलने वाली श्री उमा माता जी की सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से राजसी ठाठ-बाट से निकाली गई।
पंच दिवसीय उमा सांझी महोत्सव के पश्चात अश्विन शुक्ल द्वितीया (चंद्रदर्शन) को परंपरानुसार उमा माता जी की सवारी नगर भ्रमण पर निकली। सवारी के पूर्व सभा मंडप में सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, प्रतीक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी आदि ने उमा माता की पालकी को नगर भ्रमण की ओर रवाना किया। पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची, मध्य प्रदेश सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा श्री उमा माता को सलामी देने के बाद पालकी ने नगर भ्रमण की ओर प्रस्थान किया।
पालकी में विराजित भगवान श्री उमा माता के दर्शन लाभ सवारी मार्ग के दोनों ओर खडे श्रद्धालुओं ने लिया। पालकी में श्री उमा माता की रजत की प्रतिमा, व डोल रथ पर गरुड़ पर माताजी (पीतल की प्रतिमा) तथा भगवान श्री महेश विराजित होकर निकले। सवारी के साथ घुड़सवार, पुलिस बल तथा मंदिर के पुजारी-पुरोहित एवं श्रद्धालु भी शामिल थे। सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर श्री महाकाल चौराहा, महाकाल घाटी, तोपखाना, दौलतगंज चौराहा, नईसड़क, कंठाल, सराफा, छत्रीचौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा, बक्षीबाजार, कार्तिक चौक एवं मोढ़ की धर्मशाला, रामानुज कोट होते हुए क्षिप्रा तट पर पहुंची। यहां जवारे व संजा विसर्जन एवं पूजन के पश्चात् सवारी कहारवाड़ी, बक्षी बाजार एवं महाकाल रोड होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर वापस पहुंची।