ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की कमी:1 स्टोर पर 7 रेमडेसिविर, दुकान खुलने से पहले लेने वाले 30 से ज्यादा लोग लाइन में

शहर और जिले में लगातार दूसरे दिन 200 मरीजों का आंकड़ा पार हुआ है। ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की कमी के बीच रविवार को 212 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं और एक मरीज की मौत हुई है। लॉकडाउन के बावजूद भी मरीजों की संख्या बढ़ना चिंता का कारण बन गई है। इधर, मरीज बढ़ने से रेमडेसिविर इंजेक्शन व ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ी है।

ऐसे में डिमांड की तुलना में आपूर्ति नहीं हो पा रही है। प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती मरीजों को अस्पताल में ही संचालित मेडिकल स्टोर्स से रेमडेसिविर इंजेक्शन मिल तो रहे हैं लेकिन डिमांड की तुलना में कम है। 300 से ज्यादा इंजेक्शन की आवश्यकता है लेकिन 190 से 250 तक ही उपलब्ध हो पा रहे हैं। मार्केट में इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हैं। केवल जिला प्रशासन की ओर से तय स्टोर पर इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। सरकारी कोविड अस्पतालों में इलाज करवाने वाले गरीब मरीज करीब 300 से ज्यादा हैं।

इधर, ऑक्सीजन का संकट अब भी बना हुआ है। बढ़ते मरीजों की बीच ऑक्सीजन की डिमांड भी बढ़ गई है। अब 10 टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है, जिसकी तुलना में पांच टन ऑक्सीजन ही मिल पा रही है। 1270 एक्टिव मरीजों में से 205 मरीज गंभीर है। कोविड विशेषज्ञों का कहना है कि एंटीवायरल ड्रग में एफबीपीरावीर टेबलेट का उपयोग भी किया जा सकता है। ऐेसे मरीज जिनमें 10 से 25 प्रतिशत तक इंफेक्शन है, वे इस एंटी वाइरल ड्रग का उपयोग कर सकते हैं। सभी मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन आवश्यक नहीं है।
डॉक्टर की रिपोर्ट में जिसे ज्यादा जरूरत… उसे ही मिला मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन

चामुंडा माता चौराहा के समीप संचालित नवीन मेडिकल स्टोर्स पर रविवार को सात इंजेक्शन पहुंचे थे, जिन्हें खरीदने के लिए करीब 25-30 लोग पहुंच गए। लोगों की भीड़ बढ़ने से हंगामे की स्थिति नहीं बने, इसके लिए एहतियातन देवासगेट थाने का पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इंजेक्शन खरीदने के लिए कहा गया। मेडिकल संचालक की ओर से उन्हीं लोगों को इंजेक्शन दिए गए, जिनके पास में डॉक्टर का पर्चा था। साथ ही मरीज की पॉजिटिव रिपोर्ट भी देखी गई।

डिमांड की तुलना में 250 इंजेक्शन
डिमांड की तुलना में इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। उज्जैन में 600 से ज्यादा लक्षण वाले मरीज हैं। हर मरीज को 6 इंजेक्शन लगते हैं। यहां हर मरीज चाहता है कि उसे रेमडेसिविर लग जाए,जबकि सभी को इसकी जरूरत नहीं है। मांग और आपूर्ति में बड़ा अंतर होने का एक कारण यह भी है। इधर, ड्रग विभाग ने रविवार को 15 प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए करीब 250 इंजेक्शन उपलब्ध करवाए थे, जिन्हें यहां संचालित मेडिकल पर रखवाया गया। चरक के मरीजों के लिए नवीन मेडिकल तथा माधवनगर के मरीजों के लिए नाहटा मेडिकल स्टोर पर इंजेक्शन उपलब्ध करवाए गए।

  • प्राइवेट अस्पताल व कोविड सरकारी अस्पतालों के लिए इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों के मेडिकल स्टोर्स पर इंजेक्शन रखवाए गए हैं ताकि वहां भर्ती मरीजों को उपलब्ध हो सके। डिमांड के अनुरूप उपलब्ध हो रहे हैं। – धर्म सिंह कुशवाह, ड्रग इंस्पेक्टर
  • एंटीवाइयल ड्रग में एफबीपीरावीर टेबलेट का उपयोग भी किया जा सकता है। ऐेसे मरीज जिनमें 10 से 25 प्रतिशत तक इंफेक्शन है, वे इस एंटी वायरल ड्रग का उपयोग कर सकते हैं। सभी मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन आवश्यक नहीं है। – डॉ. एचपी सोनानिया, नोडल अधिकारी कोविड-19

मरीज बढ़ने की रफ्तार तेज हुई तो ऑक्सीजन की किल्लत भी बढ़ रही, 10 टन की जरूरत, 5 टन ही मिल पा रही

मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ऑक्सीजन की डिमांड भी लगातार बढ़ती जा रही है। वर्तमान में कोविड हॉस्पिटल व प्राइवेट अस्पताल में करीब 10 टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है, जिसकी तुलना में पांच टन ऑक्सीजन ही उपलब्ध हो पा रही है। प्रदीप गैस के संचालक जय वैद्य ने बताया बड़ोदा व हरियाणा से ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रही है।

इस वजह से डिस्ट्रीब्यूटर्स डिमांड के अनुरूप ऑक्सीजन नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की डिमांड इसी तरह बढ़ती रही तो मैनेज करने में समय लग सकता है। अस्पतालों में भी ऑक्सीजन का उपयोग इस तरह से किए जाने की आवश्यकता है कि ऑक्सीजन वेस्टेज नहीं जाए।

यश गोविंद मार्केटिंग के डायरेक्टर संजय अग्रवाल का कहना है इंदौर के डिस्ट्रीब्यूटर्स ने ऑक्सीजन रोक रखी है, सप्लाई नहीं दी जा रही है। 20 टन ऑक्सीजन की उपलब्धता होने से उज्जैन में ऑक्सीजन की समस्या खत्म हो सकती है।
46 मरीज ठीक होकर घर पहुंचे
हेल्थ बुलेटिन के अनुसार लैब से रविवार को 1284 लोगों की रिपोर्ट आई है जिनमें शहरी क्षेत्र के 181, बड़नगर के 8, नागदा के 5 तथा तराना के 16 और घट्टिया के 2 मरीज संक्रमित हुए हैं। रविवार को एक और मरीज की मौत हुई है। इसके साथ ही उज्जैन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 118 हो गई है। 46 मरीज स्वस्थ होने के बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर अपने घर पहुंचे हैं।

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