कंपनी की लापरवाही भुगत रहे उपभोक्ता

बिजली कंपनी के रीडर मीटर पर क्यूआर कोड नहीं लगा पाए तो उन्होंने यूनिट बढ़ाकर बिलिंग कर दी। मीटर रीडिंग लिए बगैर पिछले माह की खपत में 30-40 यूनिट बढ़ाकर बिल जारी कर दिए गए। ऐसे में शहर के करीब सात हजार परिवारों को साढ़े चार हजार से सात हजार रुपए तक के बिल पहुंचे हैं।

मनमाने बिजली बिलों पर रोक लगाने के लिए बिजली कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने मीटर पर क्यूआर कोड लगाने की व्यवस्था लागू की है। इसमें मीटर रीडर को उपभोक्ता के यहां मीटर पर क्यूआर कोड लगाना है। इसके माध्यम से मीटर रीडिंग की जाना है। मीटर रीडर ने सभी उपभोक्ताओं के यहां पर कोड नहीं लगाए। उन्होंने उपभोक्ता के यहां की पूर्व में आई रीडिंग में ही यूनिट बढ़ा दी। इस वजह से उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई राशि के बिल जारी हो गए।

ये है खपत और लॉस का गणित…

पश्चिम शहर संभाग पुराने शहर में करीब 247 लाख यूनिट बिजली ग्रिड से लेकर सप्लाई दी गई, जिसमें से 124 लाख यूनिट ही खपत में आई बाकी की 123 लाख यूनिट बिजली लॉस में गई, यानी इसका कोई हिसाब नहीं, जो कि 49 प्रतिशत है। जून-2021 में 237 लाख यूनिट थी जो कि 10 लाख यूनिट बढ़ गई। पूर्व शहर संभाग नए शहर में मई में 240.83 लाख यूनिट बिजली ग्रिड से लेकर सप्लाई दी गई, जिसमें से 107.23 लाख यूनिट बिजली की खपत हुई बाकी की 133 लाख यूनिट बिजली लॉस में गई।

एलईडी बल्ब का उपयोग बढ़ा पर खपत कम नहीं हुई

बिजली बचत और खपत करने के लिए शहर के उपभोक्ताओं के यहां पर एलईडी बल्ब का उपयोग तो बढ़ा पर खपत कम नहीं हुई। 9 वॉट के एलईडी बल्ब से एक घंटे में 0.009 यूनिट ही बिजली की खपत होती है। शहर के अधिकांश उपभोक्ताओं के यहां एलईडी बल्ब ही लगे हैं।

ज्यादा यूनिट का बिल आया तो सुधार करवाएं

मीटर रीडर को उपभोक्ता के यहां आवश्य जाना होगा और कोड के माध्यम से रीडिंग लेना होगी। जिनके यहां पर कोड नहीं लगे हैं, उनके यहां मैनुअली रीडिंग ली है। खपत से ज्यादा यूनिट का बिल आया तो वे जोन पर सुधार करवा सकते हैं।

राजीव पटेल, ईई बिजली कंपनी

पिछले माह बिजली की खपत कम होने के बावजूद ज्यादा के बिल, 7 हजार उपभोक्ताओं के यहां एवरेज बिलिंग कर दी

1 इस माह बारिश और मौसम में ठंडक होने से बिजली की खपत कम हुई। उसके बावजूद लोगों के यहां पिछले माह से ज्यादा यूनिट के बिल आ गए। खास बात यह है कि पिछले माह में मीटर रीडिंग नहीं हुई थी। मीटर रीडर ने अपने हिसाब से ही रीडिंग बुक में रीडिंग दर्ज कर दी थी।
2 विरोध हुआ तो बिजली कंपनी ने क्यूआर कोड की व्यवस्था लागू कर दी, जिसमें भी रीडर ने लापरवाही बरती और कोड नहीं लगाए। ऐसे करीब सात हजार उपभोक्ताओं के यहां कोड नहीं लगने से एवरेज बिलिंग कर दी गई। इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
3 बिजली कंपनी के अधिकारियों का भी कहना है कि जिन उपभोक्ताओं के यहां क्यूआर कोड नहीं लग पाए हैं, उनके यहां पर बगैर कोड के ही रीडिंग ली गई और जिनके यहां पर रीडिंग नहीं हो पाई है, उनके यहां पूर्व की रीडिंग के आधार पर बिल जारी किए हैं

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