- भस्म आरती: राजा स्वरूप में सजे बाबा महाकाल, धारण की शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला
- भगवान महाकाल को दान में आई अनोखी भेंट! भक्त ने गुप्त दान में चढ़ाई अमेरिकी डॉलर की माला, तीन फीट लंबी माला में है 200 से अधिक अमेरिकन डॉलर के नोट
- भस्म आरती: राजा स्वरूप में सजे बाबा महाकाल, मस्तक पर हीरा जड़ित त्रिपुण्ड, त्रिनेत्र और चंद्र के साथ भांग-चन्दन किया गया अर्पित
- श्री महाकालेश्वर मंदिर में एंट्री का हाईटेक सिस्टम हुआ लागू, RFID बैंड बांधकर ही श्रद्धालुओं को भस्म आरती में मिलेगा प्रवेश
- कार्तिक पूर्णिमा आज: उज्जैन में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, माँ क्षिप्रा में स्नान के साथ करते हैं सिद्धवट पर पिंडदान
कार्यालय में 2 लोगों का ही स्टाफ:निर्वाचन में ड्यूटी, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र कक्ष डेढ़ महीने तक रहा बंद, अस्पताल के चक्कर लगा रहे लोग
चरक भवन के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र कक्ष के बाहर परेशान लोगों की लाइन लग रही है। पिछले डेढ़ महीने से न कोई जन्म प्रमाण-पत्र बना है और न ही कोई संशोधन कार्य हुआ। जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए लोग लगातार अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं। जन्म प्रमाण न होने के कारण किसी बच्चे को आंगनवाड़ी सेवाएं नहीं मिल रही तो वहीं कुछ बच्चों के स्कूल एडमिशन रुके पड़े हैं।
यह ऑफिस 12 सितंबर तक बंद पड़ा था, क्योंकि यहां दो लोगों का ही स्टॉफ है और उनकी भी 2 अगस्त से 12 सितंबर तक निर्वाचन में ड्यूटी लगा दी गई। इस कारण विभाग में न ही कोई रजिस्ट्रेशन हुआ और न ही ऑनलाइन पंजीयन। अब हालत यह है कि विभाग के पास करीब डेढ़ महीने के पेंडिंग कार्य के साथ रोज आने वाले काम का भी लोड है। इसके चलते जिस काम को करने में 3 से 4 दिन का समय लगता है, उसे करने के लिए अब 20 दिन से भी ज्यादा का समय लग रहा है।
40 किलोमीटर का सफर कर पहुंच रहे अस्पताल:
नराना निवासी वकील गाैड़ ने बताया कि उनकी बेटी का जन्म चरक भवन में हुआ था लेकिन पहले नाम नहीं लिखे जाते थे। इस कारण बेटी के जन्म प्रमाण-पत्र में नाम जुड़वाने के लिए 40 किलोमीटर दूर से यहां आना पड़ रहा है। पिछले महीने से अब तक 5 बार आ गए है लेकिन हमारा काम नहीं हुआ।
महिला लगातार लगा रही अस्पताल के चक्कर
आरती पांड्या का कहना है कि मैंने पिछले महीने अपनी बेटी का आधार कार्ड बनवाने के लिए अस्पताल में सारे जरूरी कागजात जमा करवा दिए थे। स्टॉफ कर्मचारी ने 1 तारीख के बाद आने को कहा था, लेकिन तब से वह 4 से 5 चक्कर अस्पताल के काट चुकी है लेकिन ऑफिस बंद होने के कारण जन्म प्रमाण-पत्र अब तक नहीं बनाया गया।
प्रमाण-पत्र न होने के कारण स्कूल नहीं जा पा रही बच्ची
दिनेश चौैहान ने बताया बेटी के जन्म प्रमाण-पत्र में नाम लिखवाना था, अस्पताल गए थे लेकिन कोई नहीं मिला। पिछले एक महीने से बच्ची को जन्म प्रमाण-पत्र और जाति प्रमाण-पत्र नहीं देने के कारण स्कूल में बैठने नहीं दिया जा रहा। जब तक जन्म प्रमाण-पत्र में नाम नहीं होगा मेरी बेटी स्कूल नहीं जा पाएगी।
बीएलओ में ड्यूटी लगने के कारण स्टॉफ वहां लगा हुआ था। दो दिन पहले स्टॉफ ऑफिस में लौट आया है। हम 7 से 8 दिन में टारगेट पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।
डॉ. पीएन वर्मा, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल