गंभीर में तीन महीने का पानी फिर भी शहर में जलसंकट

उज्जैन । मिस मैनेजमेंट के तीन उदाहरण, जिससे साफ जाहिर है कि अफसर नहीं चाहते शहर में जलसंकट दूर हो

मिस मैनेजमेंट : पानी की किल्लत दूर करने के लिए पार्षदों ने भी कई बार उठाई आवाज लेकिन नहीं बदले हालात

जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, विकराल होगी समस्या

तो फिर…

शहर के दो लाख लोगों तक नहीं पहंुच रहा पानी

ऐसे में…

पीएचई ने समय रहते दुरुस्त नहीं की व्यवस्थाएं

क्योंकि…

शहर की सबसे बड़ी टंकी, 350 परिवारों के सामने संकट

शहर में पीएचई की सबसे बड़ी सहित दो टंकी भैरवगढ़ में हैं। राम नगर, गिट्टी की खदान, आबूखाना आदि क्षेत्र के 350 परिवारों को पानी के लिए जूझना पड़ता है। अभी तो हैंडपंप व बोरिंग से काम चल रहा है, ये बंद होंगे तो समस्या बढ़ेगी।

– संजय कोरट, पार्षद, वार्ड एक

अफसर का जवाब:- पानी मिल रहा है, छोटे-मोटे काम हैं इसलिए समस्या बनी हुई हैं।

7 साल में 20 किमी लाइन नहीं डाली, टैंकरों के भरोसे लोग

7 साल हो गए, पीएचई वाले वार्ड में तापी की 20 किमी पाइप लाइन नहीं डलवा सके। मक्सी रोड की बजरंग कॉलोनी, उत्तम नगर, प्रताप नगर, मयूर नगर, गौरी नगर, विधायक नगर में पेयजल की समस्या है।

– आत्माराम मालवीय, पार्षद, वार्ड 40

अफसर का जवाब:- सड़क निर्माण में दबी पाइप लाइन को एमपीआरडीसी ने सुधार से इंकार कर दिया हैं। कमिश्नर ने निर्देश दिए है, काम कर रहे हैं।

बिलोटीपुरा ऊंचाई पर बावजूद दूर की टंकी से जोड़ दी लाइन

बिलोटीपुरा क्षेत्र ऊंचाई पर है। बावजूद पीएचई के अफसरों ने नजदीक की चार धाम वाली टंकी से लाइन जोड़ने की बजाय गुदरी की दूर वाली टंकी से इसे जोड़ा। ऐसे में पूरे दबाव से पानी नहीं आता है।

– माया त्रिवेदी, पार्षद, वार्ड 12

अफसर का जवाब:- बिलोटीपुरा की समस्या दूर करने के प्रयास कर रहे हैं।

(नोट:- जवाब पीएचई के कार्यपालन यंत्री आरके श्रीवास्तव के अनुसार।)

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