जितनी बिजली जलाई, उससे ज्यादा के दे दिए बिल, सुधार के लिए जोन पर भीड़

उपभोक्ता जोन अधिकारी को बिल दिखाते हुए… सर, इतनी खपत तो हमारे यहां हुई ही नहीं तो फिर इतनी यूनिट का बिल कैसे दे दिया? मीटर की रीडिंग हुई है तो आंकलित खपत अलग से क्यों जोड़ दी गई… हम तो हर माह बिल की राशि जमा करते हैं उसके बाद भी पिछले माह की राशि जोड़ दी गई। ऐसे दृश्य बिजली कंपनी के हर जोन कार्यालय पर आम हो गए हैं। वजह- बढ़ी हुई खपत के बिल जारी होना। शहर में हर दूसरा परिवार हैरत में है कि उनके यहां पर जितनी बिजली की खपत होती है उससे दुगनी यूनिट के बिल उनके यहां पर आए हैं। दरअसल बिजली कंपनी के अधिकारियों पर रिकवरी का लोड बढ़ा तो उन्होंने उपभोक्ताओं को मनमाने बिल जारी कर दिए। हर जोन पर रोज 20 से 25 शिकायतें बिलों की आ रही है। अधिकारियों का तर्क है कि डिफेक्टिव मीटर लगे होने से उपभोक्ताओं को एवरेज बिल जारी किए हैं। जिनके मीटर सही है और उनके यहां पर रीडिंग से ज्यादा बिल आया है तो वह जोन कार्यालय पर जाकर सुधार कार्य करवा सकते हैं। हर जोन पर बिल सुधार के लिए अलग से विंडो खोली गई है।

 

कहीं विलंब शुल्क जोड़ दिया तो कहीं आंकलित खपत

  • योगीपुरा में रहने वाले शिक्षक गणेश गिरी के यहां पर खपत से ज्यादा 176 यूनिट का बिल जारी कर दिया गया। साथ ही पिछले माह का बकाया 1711 रुपए भी जोड़ दिए। इस तरह से उन्हें ₹3000 का बिल दिया गया। जबकि वे पिछले माह के बिल की राशि जमा कर चुके हैं।
  • रामचंद्र गिरी निवासी हरसिद्धि क्षेत्र के यहां पर 545 यूनिट रीडिंग के अनुसार और 100 यूनिट आंकलित खपत भी जोड़ दी। इस तरह से उन्हें 645 यूनिट का 5100 रूपए का बिल दिया गया।
  • हरी विहार कॉलोनी की अन्नपूर्णा व्यास को 370 यूनिट खपत का 3138 रुपए का बिल दे दिया गया। बकाया राशि 18230 जोड़ी गई जिससे बिल ₹21368 का हो गया। जिसमें ₹228 विगत माह का विलंब शुल्क तक जोड़ा गया।
  • कृष्णा परिसर इंदौर रोड के एक उपभोक्ता को जीरो यूनिट का बिल दिया गया लेकिन बिल की राशि 4643 रुपए दी गई। जिसमें ₹4793 समायोजन गणना राशि जोड़ी गई। साथ ही विगत माह का विलंब शुल्क ₹150 जोड़ा है।

 

उपभाेक्ता फोरम में केस लगा सकते है

विद्युत नियामक आयोग के आदेश में एवरेज बिल देने का प्रावधान नहीं है। यदि उपभोक्ताओं को खपत से ज्यादा यूनिट के बिल दिए जाते हैं तो यह सेवा में त्रुटि है। लोग उपभोक्ता फोरम में केस लगा सकते हैं। लोगों की बिजली समस्याओं के लिए गठित बोर्ड के समक्ष अपनी शिकायत कर सकते हैं। लोक अदालत अंतर्गत न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किए जा सकते है। योजना में किसी भी प्रकार का न्याय शुल्क देय नहीं है। इस योजना में किए गए निराकरण अंतिम होते है तथा इनके विरुद्ध कोई अपील भी नहीं की जा सकती है।

– आशीष उपाध्याय, हाईकोर्ट एडवोकेट

 

इस माह 190.52 यूनिट का लॉस

जिन फीडर पर लॉस हो रहा है या जिन लोगों के घरों में डिफेक्टिव मीटर लगे हैं उन्हें ही औसत खपत के बिल दिए जा रहे हैं। 4000 घरों में डिफेक्टिव मीटर हैं। कंपनी को इस माह 190.52 यूनिट का लॉस हुआ है।

भूपेंद्र सिंह, अधीक्षण यंत्री, बिजली कंपनी

 

कांग्रेस ने नई सड़क जोन काे घेरा

बिजली के बढ़े हुए बिलों के विरोध में कांग्रेस ने शुक्रवार को नई सड़क जोन पर प्रदर्शन किया। उन्होंने जोन का घेराव करते हुए भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगाए और बिल की राशि कम किए जाने की मांग की। साथ ही चेताया कि बिलों में सुधार नहीं हुआ तो कांग्रेस आगे चरणबद्ध आंदोलन करेगी।

Leave a Comment