- उज्जैन और विदिशा में जिला अध्यक्षों की घोषणा, उज्जैन BJP शहर अध्यक्ष बने संजय अग्रवाल; अगले 24 घंटे में और नाम होंगे जारी!
- भस्म आरती: भगवान महाकाल का दिव्य श्रृंगार कर चढ़ाई गई भस्म, उज्जैन में हर ओर गूंजे जय श्री महाकाल के नारे!
- HMPV से घबराने की कोई जरूरत नहीं! Ujjain मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी का बड़ा बयान, बोले- अफवाहों से बचें...
- उज्जैन में हुआ ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय ठहाका सम्मेलन, 25 घंटे से ज्यादा चला हास्य कवि सम्मेलन; Golden Book of Records में दर्ज हुआ नया विश्व रिकॉर्ड!
- भस्म आरती: दिव्य रजत मुकुट और चंदन अर्पित करके किया गया बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार!
ताजा होंगी सिंहस्थ की यादें, इंटेक ने बनाई पहली रिसर्च फिल्म
उज्जैन :- सिंहस्थ-2016 के लगभग एक वर्ष बीतने के बाद शहर में फिर से सिंहस्थ की यादें ताजा होगी। सिंहस्थ की यादों आैर उससे जुड़े कई बिंदुओं को एकत्रित करते हुए इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरीटेज (इंटेक) की ओर से जयतु सिंहस्थ नाम से पहली रिसर्च फिल्म तैयार की गई है। आगामी 13 मई को विक्रम कीर्ति मंदिर में सिंहस्थ चित्र ध्वनि महोत्सव के साथ इस फिल्म का प्रदर्शन होगा। जिसमें सिंहस्थ से जुड़ी यादों को दर्शक एक बार फिर से महसूस कर सकेंगे।
इंटेक के चेप्टर संयोजक डॉ. दीपेंद्र शर्मा (धार) ने बताया इंटेक मूर्त आैर अमूर्त कलाओं को संरक्षित करने के साथ शिक्षा आैर सूचीकरण का कार्य पूरे देशभर में करती है। इसी तारतम्य में सिंहस्थ का पुनरावलोकन करने के लिए एक फिल्म जयतु सिंहस्थ का निर्माण किया गया है। कुल 33 मिनट की अवधि वाली इस फिल्म में सिंहस्थ से जुड़ी कई यादों के साथ कई ऐसे सवालों के जवाब भी दर्शकों को मिल सकेंगे, जो सिंहस्थ से संबंधित हैं। सिंहस्थ मेला प्राधिकरण के सहयोग से 13 मई की शाम विक्रम कीर्ति मंदिर में इसका पहला नि:शुल्क प्रदर्शन किया जाएगा। डॉ. शर्मा के मुताबिक सिंहस्थ के एक वर्ष होने पर चित्र ध्वनि महोत्सव नाम से यह कार्यक्रम होगा। इसमें फिल्म प्रदर्शन के अलावा कई विशेषज्ञों के व्याख्यान भी होंगे। शाम 7.05 बजे से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम में इंटेक नईदिल्ली के अध्यक्ष एवं रिटायर्ड मेजर जनरल एलके गुप्ता, रिटायर्ड आईएएस व इंटेक नईदिल्ली के सदस्य सचिव सीटी मिश्रा, इंटेक के महाराष्ट्र राज्य संयोजक अशोकचंद्र ठाकुर, राजगढ़ के समाजसेवी सुरेश तांतेड़ के अलावा महापौर मीना जोनवाल व यूडीए अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल अपने विचार रखेंगे।
फिल्म में इन खास दृश्यों को जोड़ा
*अखाड़ों व साधु-संतों की पेशवाई *नागा साधु बनने की प्रक्रिया *साधु-संतों की जीवनशैली *उज्जैन में ही सिंहस्थ क्यों *सिंहस्थ में शिप्रा स्नान का महत्व *वैदिक काल में सिंहस्थ कब आैर कहां होता था *सिंहस्थ में दिखाई देने के बाद आखिर कहां चले जाते हैं साधु-संत आदि।
धार आैर उज्जैन के कलाकारों ने तैयार की फिल्म
फिल्म की संकल्पना भोज शोध संस्थान (धार) के डायरेक्टर डॉ. दीपेंद्र शर्मा की है। इसमें जाने-माने हास्य कवि संदीप शर्मा (धार) ने कमेंट्री लेखन किया है। उज्जैन के भूषण भट्ट ने इसका निर्देशन किया है आैर एडिटिंग व स्वर देने का कार्य दीपक कोडापे ने किया है। इसके अलावा शहर के साहित्यकार डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा, समाजसेवी सुरेंद्र अरोरा आैर कलाप्रेमी शैलेंद्र व्यास स्वामी मुस्कुराके के इंटरव्यू भी शामिल किए गए हैं।