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थानों में नहीं पूरा बल, कैसे होगी अवकाश की समस्या हल
उज्जैन। पुलिस विभाग में अधिकांश पुलिसकर्मी साप्ताहिक अवकाश की तैयारियों से खुश हैं लेकिन सीनियर पुलिसकर्मी इससे ज्यादा आश्वस्त नहीं हैं। वजह है थानों में बल की कमी के कारण जरूरत पर ही उन्हें पर्याप्त छुट्टी नहीं मिलती तो वीकली ऑफ योजना का हश्र क्या होगा वे जानते हैं। इस संबंध में चर्चा करने पर अनुशासन के कारण पुलिसकर्मियों खुलकर कुछ नहीं बोल पाए लेकिन इतना जरूर कह रहे कि हक की पूरी छुट्टियां मिल जाए उतना ही बहुत है।
नियमानुसार पुलिसकर्मियों को सालभर में ६१ छुट्टियों का अधिकार है लेकिन अधिकांश जिले बल की कमी से जूझ रहे है। नतीजतन थाना कितना ही बड़ा हो या वहां कि स्थिति कैसी भी हो, सभी को बल की कमी के कारण अतिरिक्त काम करना पड़ता है। यही वजह है हक होने के बाद भी जब पुलिसकर्मियों को जरूरत पडऩे पर अधिकारी पर्याप्त छुट्टी नहीं दे पाते तो साप्ताहिक अवकाश का आदेश कितने समय कारगर रह पाएंगे। बता दें सीएम कमलनाथ के आदेशानुसार प्रदेश के कई जिलों में पुलिसकर्मियों को अवकाश देना शुरू कर दिया गया है। जिले के थानों में कैलेंडर बनाकर अवकाश देने की रणनीति तय की जा रही है। इसे लेकर काफी पुलिसकर्मी खुश भी हैं।
यह रहेगा अवकाश का गणित
अवकाश के लिए बन रहे रोस्टर अनुसार प्रतिदिन एक थाने से ३ पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाएगा। जिले में फिलहाल ३० थानों के साथ विभिन्न शाखाएं और ऑफिस भी हैं। करीब १०० पुलिसकर्मी रोज साप्ताहिक अवकाश पर होंगे। इसके अलावा जिले में प्रतिदिन करीब ३० पुलिसकर्मी अपने हक की छुट्टियों पर होते हैं। मतलब १३० पुलिसकर्मी छुट्टियों पर होंगे। ऐसे में रिक्त पद १४७ के तुरंत भरे जाने की कोई संभावना नहीं है। अब अनुमान लगा लीजिए की जब बिना अवकाश के ही थाने पर घटनाओं में घायलों को अस्पताल ले जाने वाले नहीं होते तो फिर अवकाश के बाद क्या स्थिति होगी। इसे देखते हुए साप्ताहिक अवकाश योजना का सफल होना संदेह के घेरे में है।