दोनों पर्व की एक साथ तिथियों में घट-बढ़त, श्राद्ध 16 से 30 सितंबर, नवरात्रि 1 से 10 अक्टूबर तक मनेगी

इस बार 16 श्राद्ध 15 दिन, नवरात्रि 10 दिन की
पितृ पूजन का पर्व सोलह श्राद्ध इस बार 15 दिन के होंगे तो देवी पूजा की नवरात्रि 10 दिन तक मनाई जाएगी। यह अनूठा संयोग 427 वर्ष के बाद बना है। तिथियों में घट-बढ़त होने से श्राद्ध पक्ष का एक दिन कम हो गया और नवरात्रि का एक दिन बढ़ गया।
सालों पहले जैसे सात ग्रह भी उन्हीं राशि में
427 वर्ष पहले जब श्राद्ध व नवरात्रि की तिथियों में घट-बढ़ की स्थिति बनी थी। और उस समय नौ में सात प्रमुख ग्रहों की जो स्थिति थी। वह 2016 में इस समय भी वैसी ही है। सूर्य व गुरु कन्या राशि में, शुक्र तुला राशि में, मंगल धनु राशि में, केतु कुंभ राशि में और राहू व बुध सिंह राशि में विद्यमान है।

श्राद्ध घटने व नवरात्रि बढ़ना शुभ फलदायी: श्राद्ध में तिथि का क्षय इस पक्ष में आ रहे गुरु आदित्य योग, शुभ कर्तनी योग व गज छाया जैसे योग इसकी प्रबलता को बढ़ाकर पुण्यदायी बनाएंगे। नवरात्रि में तिथि की वृद्धि होने से देवी आराधना एक दिन ज्यादा होगी। यह क्रम शुभ फलदायी है।

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