नगर निगम कर्मचारी गृह निर्माण सोसायटी से ठगाए हजारों सदस्य

उज्जैन। नगर निगम कर्मचारी गृह निर्माण समिति के माध्यम से प्लाट लेकर अपना मकान बनाने के सपने संजोए लोगों को तीस वर्ष बाद भी प्लाट नहीं मिल पाए है। जबकि संस्था ने 1988 में दो-दो हजार रुपए अग्रिम लेकर प्लाट बुक किए थे और ढांचा भवन क्षेत्र में जमीन भी खरीदी थी।
ऐसे तो शहर में भू-माफियों, बिल्डरों ने सहकारिता विभाग से सांठ-गांठ करके शहरवासियों से करोड़ों रुपए ठगे हैं और आज तक प्लाट नहीं दिए। पीडि़त सदस्य अपनी रसीदे लेकर सहकारिता विभाग भी पहुंचते है लेकिन अधिकारी संबंधित गृह निर्माण संस्था से शिकायती आवेदन की जांच के नाम पर रुपए ले देकर आवेदक को टाल-मटौल पूर्ण जवाब देकर न्यायालय की शरण में जाने की बात कह देते हंै।

जबकि शासन ने विभाग को भी ऐसी जालसाज, धोखाधड़ी, गड़बड़ी करने वाली गृह निर्माण सोसायटियों पर संज्ञान लेकर आपराधिक कार्यवाही के भी अधिकार दे रखे हंै। किन्तु अब तक एक भी संस्था के विरुद्ध ऐसी कार्यवाही सहकारिता विभाग ने नहीं की है।

इनका है कहना

विभाग को कार्यवाही के अधिकार तो है लेकिन रिकॉर्ड देखकर संबंधित संस्था के बारे में बता सकता हूं।
ओपी गुप्ता, उपसंचालक, सहकारिता

नगर निगम कर्मचारी गृह निर्माण संस्था का सारा रिकार्ड ईओडब्ल्यू ने जब्त किया हुआ है। हालांकि संस्था की जमीन ढांचा भवन में है और प्रकरण निपटते ही सदस्यों को प्लाट दिए जाएंगे।
एनके राय, प्रशासक ननि गृह निर्माण संस्था

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