पाटीदार हॉस्पिटल में आग:लापरवाही से लगी आग, नियमों की अनदेखी हुई…पंखे की आग तक नहीं बुझा पाए

फ्रीगंज जीरो पाइंट ब्रिज के समीप पाटीदार अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर में रविवार को कोविड सेंटर के आईसीयू में लगी भीषण आग की जांच रिपोर्ट कमेटी ने कलेक्टर को सौंप दी। पांच सदस्यीय कमेटी ने सोमवार रात 10 बजे कलेक्टर को जो रिपोर्ट सौंपी उसमें कई बिंदुओं पर अस्पताल प्रबंधन को गैर जिम्मेदार मानते हुए उसकी लापरवाही से इतना बड़ा भीषण हादसा होना माना। रविवार को अस्पताल के आईसीयू में दीवार पर लगे पंखे में स्पार्किंग के बाद हुए अग्निकांड में 10 कोरोना मरीज आग की लपटों में घिर गए थे और चार झुलस भी गए।

इनमें दो की हालत गंभीर होने पर उन्हें इंदौर रैफर किया गया है। अस्पताल का आईसीयू घटना के बाद से ही सील है लेकिन अस्पताल के शेष फ्लोर पर सोेमवार सुबह से दोबारा अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं शुरू कर दी गई। इधर साेमवार रात को जांच कमेटी के सदस्य एसडीएम गोविंद दुबे, सीएसपी हेमलता अग्रवाल, फायर ऑफिसर अजयसिंह राजपूत और एफएसएल अधिकारी डॉक्टर प्रीति गायकवाड़ और बिजली कंपनी अधिकारी ने जांच रिपोर्ट कलेक्टर आशीष सिंह को सौंप दी। अग्निकांड के लिए प्रथम दृष्टया अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही मानी। उसकी इस लापरवाही से कई मरीज झुलस गए व कोरोना संक्रमित और सामान्य मरीज भी आपस में मिलने से संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया। कमेटी ने जो जांच रिपोर्ट दी उसमें अस्पताल के लाइसेंस निरस्त का भी सुझाव दिया है।

इन्हें क्याें बख्शा- लापरवाही में उन अधिकारियों को क्यों बख्शा गया, जिन्होंने अस्पताल में फायर सिस्टम मापदंड के अनुसार कराने में रुचि नहीं दिखाई। यदि समय पर सुधार होता तो यह स्थिति नहीं बनती। जांच में दावा- जहां पंखे की चिंगारी गिरी, वहां ऑक्सीजन की सप्लाय अधिक थी… इससे भी आग भड़की

यह लापरवाही सामने आई लापरवाही : आईसीयू में स्पेशल मानकों की अनदेखी, इसी वजह से पंखे की आग नहीं बुझा पाए। यह होना चाहिए था : आईसीयू में एसी चलता है, ऑक्सीजन का लेवल हाई होता है इन सबकाे ध्यान में रख अग्निशमन का इंतजाम रखना था। लापरवाही : पंखा दीवार पर लगा था, वहां चिंगारी के बाद जिस 6 नंबर बेड पर गिरा, वहां ऑक्सीजन की सप्लाय अधिक थी इससे भी आग भड़की। यह करना था : जैसे ही पंखा गिरा अगर अग्निशमन यंत्र नजदीक होते तो तत्काल आग बुझा लेते लेकिन इन्हें आईसीयू तक लाने में समय लगा। उपकरण चलाने वाले कर्मचारी ट्रेंड भी नहीं थे।

जांच रिपोर्ट में यह भी सुझाव : जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा कि अस्पताल प्रबंधन की इस लापरवाही से कई मरीजों, कर्मचारियों, डॉक्टर्स समेत अन्य की जान जा सकती थी। इस लापरवाही ने कोविड मरीजों के साथ सामान्य मरीजों के मिल जाने से संक्रमण का भी खतरा बढ़ा दिया। ऐसे में लाइसेंस निरस्त किया जाना उचित होगा। साथ ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आईएमए से भी मानक स्तर की जांच कराने का सुझाव दिया गया।

इमरजेंसी सेवाएं चालू कर दी गईं

फ्रीगंज में जीरो पाइंट ब्रिज के समीप संचालित पाटीदार हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में आग की घटना के 24 घंटे बाद फिर से मरीजों का इलाज शुरू हो गया है। यहां सोमवार को 15 मरीज भर्ती किए गए। ये वही मरीज हैं, जो इसी अस्पताल में भर्ती थे। मरीज अपनी इच्छा से यहां पहुंचे हैं क्योंकि वे यहीं पर इलाज करवाना चाहते हैं। झुलसे मरीजों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। हालांकि सीएमएचओ डॉ. महावीर खंडेलवाल का कहना है मरीजों की पहले से स्थिति बेहतर हुई है।

रिकवरी हो रही है। हॉस्पिटल से भागे 8 मरीजों को रविवार को ही ट्रेस कर उन्हें वापस भर्ती किया जा चुका है। इनमें 4 पॉजिटिव थे और बाकी के मरीजों को अन्य बीमारी थी। घटना के डर से मरीज हॉस्पिटल से भागे थे। गुरुनानक में भर्ती किए गए 26 मरीजों में से 12 के स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया तथा बाकी के 13 मरीज पाटीदार हॉस्पिटल में वापस चले गए हैं। पाटीदार हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. महेंद्र पाटीदार ने बताया हॉस्पिटल में इमरजेंसी सेवाएं चालू की गई है जिसमें अभी 15 मरीज भर्ती हुए हैं। जिनका इलाज किया जा रहा है।

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