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प्रभारी को पता नहीं कितने होटल और हॉस्पिटलों का हुआ फायर ऑडिट
नोटिस देकर भूल गए, शासन की डेड लाइन भी हो गई पूरी
अक्षरविश्व प्रतिनिधि.उज्जैन। फायर ऑडिट के लिए नगर निगम, फायर ब्रिगेड जागृत तो हुआ है,लेकिन शायद 107 होटल और 26 हॉस्पिटल को नोटिस जारी कर भूल गया। ऑडिट के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा तय डेड लाइन (30 नवंबर) पूरी हो गई है और फायर ब्रिगेड के प्रभारी को पता नहीं कितने होटल, हॉस्पिटल ने फायर ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
शहर में स्थापित होटल एवं हॉस्पिटल में अग्निकांड से बचाव के लिए लगे फायर सिस्टम या अग्निशमन उपाय का ऑडिट करवाने के लिए नगर निगम के फायर विभाग ने 107 होटल और 26 अस्पतालों को नोटिस जारी किए थे। नोटिस में चेतावनी दी गई है कि हॉस्पिटल, होटल, नर्सिंग होम आदि का फायर सिस्टम या अग्निशमन उपायों का ऑडिट भूमि विकास अधिनियम 2012 के नियम 87 के अनुपालन में नेशनल बिल्डिंग कोड के पार्ट-4 के तहत अधिकृत तकनीकी अधिकारी से कराना अनिवार्य है। फायर ऑडिट रिपोर्ट का रिकॉर्ड फायर ब्रिगेड में नहीं हैं। फायर ब्रिगेड और कंट्रोल रूम के प्रभारी वास्तविकता से अनजान है। वैसे सूत्रों का कहना है कि अभी 50 प्रतिशत होटल और हॉस्पिटल वालों ने फायर ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है।
रिपोर्ट नहीं मिली तो वैरिफिकेशन कब
होटल और हॉस्पिटल संचालकों को शासन द्वारा रजिस्टर्ड फायर कंसल्टेंट से ही यह कार्य करवाना है। फायर कंसल्टेंट को शासन ने इस कार्य के लिए रजिस्टर्ड कर रखा है। फायर कंसल्टेंट के आधार पर प्रस्तुत फायर ऑडिट रिपोर्ट की वेरिफिकेशन फायर ब्रिगेड को करना है। होटल और हॉस्पिटल में अग्निकांड के दौरान वहां के उपकरणों से आग को काबू में किया जा सके, इस स्थिति में वहां के अग्नि नियंत्रण से जुड़े उपकरण व व्यवस्था है या नहीं, यही जांचने व परखने के बाद ही फायर ब्रिगेड द्वारा ऑडिट रिपोर्ट को ओके किया जाएगा। इसके बाद सवाल यह कि डेड लाइन निकलने तक अधिकांश ने फायर ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत ही नहीं की है,तो इनका वेरिफिकेशन कब होगा।
नगरीय प्रशासन के यह थे निर्देश
- ऐसे हॉस्पिटल, नर्सिंग होम जिनके द्वारा वार्षिक फायर ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की जा चुकी है, तो उनकी जानकारी गूगल शीट पर दी जाए
- जिन्होंने ऑडिट नहीं कराया है, उनकी रिपोर्ट भी 30 नवंबर से पहले फायर ऑडिट रिपोर्ट प्राप्त कर गूगल शीट पर दी जाए।
- हॉस्पिटल या नर्सिंग होम फायर ऑडिट रिपोर्ट नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
फायर ऑडिट का दायरा
- हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, जिनका भूतल या ज्यादा तलों पर निर्मित एरिया 500 वर्ग मीटर से अधिक है। ऊंचाई 9 मीटर से ज्यादा है। इनमें जरूरी फायर उपकरण होने चाहिए।
- हॉस्पिटल संचालकों को 3 साल का अनुभव और योग्य फायर ऑफिसर नियुक्त करना है। साथ ही हर साल 30 जून तक फायर ऑडिट रिपोर्ट देना जरूरी है।
लायसेंस और रजिस्ट्रेशन हो सकता है निरस्त
स्कूलों के लिए तैयारी
नगर निगम,फायर ब्रिगेड तय समय सीमा में होटल-हॉस्पिटल फायर ऑडिट और वेरिफिकेशन तो कर नहीं पाया है और अब स्कूलों को फायर ऑडिट के नोटिस जारी करने की तैयारी की जा रहीं है। ऐसे स्कूल भवन जिनका निर्मित एरिया 500 वर्ग मीटर से अधिक है। ऊंचाई 9 मीटर से ज्यादा है। उनको फायर ऑडिट के कराने को कहा जाएगा। सूत्रों का कहना है कि स्कूल फायर ऑडिट रिपोर्ट नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। उनकी मान्यता या रजिस्ट्रेशन भी रद्द हो सकते हैं।
मुझे कुछ पता नहीं
कितनी फायर ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत हुई है,मुझे पता नहीं है। कौन जानकारी दे सकता है इसके लिए मैं अधिकृत नहीं हूं।
मीडिया को किसी भी तरह की जानकारी नगर निगम की पीआरओ शाखा ही देगी। वहीं से संपर्क करें।
– राजेश तिवारी,फायर ब्रिगेड और नगर निगम कंट्रोल रूम के प्रभारी।