बढ़ते मामलों के बीच उज्जैन में सुविधाओं का अभाव

कोरोना: अचानक संख्या बढ़ी तो हो सकती है मुश्किलें

अधिकारी मौन…अमला गोण…चिंता करे कौन ?

उज्जैन। कोरोना के देशभर में बढ़ते मामलों ने एक बार फिर चौंका दिया है, लेकिन जिले का स्वास्थ्य अमला अभी गहरी नींद में सोया हुआ है। हालात यह है कि कोई भी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। सभी का कहना है कि जैसा कलेक्टर बोलेंगे…वैसा करेंगे। इधर कलेक्टर को कोई मेडिकल ग्राउण्ड पर भी सलाह देने के लिए आगे नहीं आ रहा है। हर किसी के मन में एक ही भय है….कहीं साहब नाराज न
हो जाएं।

यह है शहर में कोरोना से बचाव के नाकाफी उपाय…

आरआरटी के करीब 4 से 5 डॉक्टर्स ही बचे हैं टीम में। शेष को उनके मूल स्थान पर भेज दिया गया है।

केवल शा.माधवनगर में ही कोविड की ओपीडी चालू है। जिला अस्पताल से भी बंद कर दी गई है।

अभी केवल शा.माधवनगर में ही कोविड संदिग्धों की जांच की जा रही है, वह भी एंटीजन टेस्ट के माध्यम से। आरटी-पीसीआर को लेकर अमले में संशय है। जिनके टेस्ट होते हैं,उनका केवल एंटीजन के हिसाब से ही स्वाब लिया जा रहा है।

शा.माधवनगर से संविदा स्टॉफ को हटा दिया गया है और रेगुलर स्टॉफ को जिला हॉस्पिटल बुला लिया गया है। अब जो है, उससे ही काम चलाया जा रहा है।

ऐसे हैं मौजूदा हालात

  • नोडल अधिकारी डॉ.एच.पी.सोनानिया के अनुसार मुंबई और गुजरात में मामले बढ़ रहे हैं। वहां से लोग उज्जैन भी आ-जा रहे हैं। ट्रेसिंग के लिए कोई इंतजाम नहीं होने से अभी पता नहीं चल पा रहा है कि शहर में कितने कोरोना केरियर्स आ गए और चले गए ? आशंका जताई जा रही है कि शहर में भी मामले बढ़ेंगे।
  • शा.माधवनगर के प्रभारी डॉ.भोजराज शर्मा के अनुसार सिविल सर्जन ने उनका स्टॉफ हटा लिया है। संविदा स्टॉफ भी हटा दिया गया है। अभी जो है स्टॉफ है वो ही हॉस्पिटल संभाल रहे हैं। केस बढ़ेंगे तो कलेक्टर को अवगत करवाएंगे।
  • सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल के अनुसार अभी स्थिति नियंत्रण में है। यदि मामले बढ़े तो हमारे पास अमला है, तत्काल स्थिति को संभाल लेंगे।

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