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बबलू पायलेट तोड़ रहा था नियम, टोका तो कहा- तेज रफ्तार ही मेरी पहचान
बबलू पायलेट तोड़ रहा था नियम, टोका तो कहा- तेज रफ्तार ही मेरी पहचान
प्रतिबंध के बाद भी शहर के अंदर से गुजर रही यात्री बसें…
उज्जैन।ऐसा लगता है मानों शहर का कोई मालिक ही नहीं है। जिसकी मर्जी हो वह वैसे चल रहा हैं। आलम यह है कि बस और भारी वाहन प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रतिबंधित समय के दौरान तेज गति से भाग रहे हैं।
इनकों रोकने वाला कोई नहीं हैं। जिम्मेदार तो एक-दूसरे को आइना दिखाने में ही जुटे रहते हैं। कोई हादसा हुआ तो उनकी बला से।
यातायात व्यवस्था को सुचारू रुप से बनाए रखने के लिए सुबह 6 बजे से शहर के अंदर से बस सहित अन्य बड़े वाहन प्रतिबंधित किए गए हैं।
बावजूद इन दिनों अधिकांश यात्री बसें शहर के अंदर से ही गुजर रही हैं। नतीजा आए दिन यातायात जाम और सड़क दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ रही हैं। ऐसे में बस के चालकों की मनमानी इतनी बढ़ गई है कि उन्हें न तो यातायात पुलिस का खौफ है और न ही परिवहन विभाग का।
वैसे तो दिन के समय शहर के कई प्रमुख मार्गों पर बस और भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित है फिर भी इनके चालक व्यवस्थाओं को अगुंठा दिखाकर अपने वाहन दौड़ा रहे हैं।
इसकी एक बानगी यह है कि नानाखेड़ा चौराहा से फ्रीगंज टावर तक सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक यात्री बसों का आवागमन प्रतिबंधित है, खासकर अन्य जिलों के लिए चलने वाली बसों पर तो पूरी तरह से रोक लगा रखी है।
इसके बावजूद इंदौर से आने वाली कई बसें नामी ऑपरेटर का रौब दिखाकर अपनी बसों का संचालन नानाखेड़ा, दो तालाब-मुनिनगर, सिंधी कॉलोनी चौराहा, तीन बत्ती चौराहा, टावर-फ्रीगंज ओवर ब्रिज होकर देवास गेट बस स्टैंड के लिए किया जा रहा हैं।
इस पुरे मार्ग पर यातायात पुलिस के पाईंट है लेकिन कोई भी इन बसों को नहीं रोक रहा हैं। अंदर की बात तो यह है कि बस चालक टाइम मेनेजमेंट के लिए प्रतिबंध को तोड़ रहे है तो पुलिस ऐसा क्यों कर रही है यह जग जाहिर हैं।
समझाइश का कोई असर नहीं….मंगलवार को एक ऐसा ही मामला देखने को मिला जब एक तेज रफ्तार बस जिसका नंबर एमपी 13 पी 5166 था। इंदौर से महिदपुर की ओर जा रही थी।
बस की गति इतनी तेज थी कि उसने कई लोगों के साथ कटबाजी की, लेकिन एक दो पहिया वाहन चालक ने उसे समझाइश देने के लिए पहले तो बस का पीछा कर उसे रोका और चालक को बस धीरे और संभलकर चलाने का कहा। इस पर बस चालक बबलू ने कहा मैं हूं बबलू पायलेट, तेज रफ्तार ही मेरी पहचान है। यह सुन दो पहिया वाहन चालक वहां से चला गया।
अक्षरविश्व लाइव रिपोर्टिंग के दौरान सामने आया कि बस इंदौर से उज्जैन होते हुए महिदपुर जा रही थी, जो उज्जैन नानाखेड़ा चौराहा से दो तालाब, सिंधी कॉलोनी, तीन बत्ती चौराहा और फ्रीगंज ब्रिज से होकर महिदपुर के लिए रवाना हुई। उक्त बस चालक ने इंदौर रोड पर दो पहिया वाहन चालक रोहित सेंगर को कट मारा था, जो बस की चपेट में आते आते बचा था।
क्या सारा काम यातायात पुलिस करें, आरटीओ कुछ नहीं
प्रतिबंधित मार्ग पर बसों के संचालन पर डीएसपी यातायात ने तो अपनी जिम्मेदारी से यह कहते हुए पल्ला झाड़़ लिया कि आरटीओ भी तो कुछ करें। 200 से अधिक चालान बनाकर आरटीओ को भेज चुके है लेकिन किसी का भी अब तक परमिट निरस्त नहीं किया है।
यातायात डीएसपी सुरेन्द्रसिंह राठौर का कहना है कि क्या सारा काम यातायात पुलिस ही करेंगी? जिला परिवहन विभाग कुछ नहीं करेंगा। हमारा काम शहर के अंदर आने वाली बसों का चालान बनाना हैं।
यातायात पुलिस चालान बना रही हैं। लेकिन बसों के परमिट निरस्त करने का काम आरटीओ साहब का है। नियम तोडऩे और डीएसपी राठौर के कथन के संबंध में जब जिला आरटीओ से संपर्क किया गया तो उनका फोन नंबर बंद मिला।
बस में बैठे यात्रियों ने कहा..उक्त बस में सफर कर रही यात्री गीता का कहना था कि चालक बबलू इंदौर से बस तेज चला रहा था। रोक-टोक करने पर भी उसने बस की रफ्तार कम नहीं की। वहीं बस में बैठे सभी यात्रियों ने भी यही बात कहीं।