बाबा महाकाल का किया गया सप्तधान श्रृंगार, दोपहर में होगी भस्मारती

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विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रात: 6 बजे तक चले महाअभिषेक पूजन श्रृंगार के बाद एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ व विभिन्न मंत्रों के माध्यम से 11 ब्राह्मणों द्वारा देवादिदेव भगवान श्री महाकालेश्वर जी का अभिषेक किया गया। आज वर्ष का वह दिन था, जब बाबा महाकाल की अलसुबह होने वाली भस्म आरती नहीं हुई और बाबा महाकाल का सप्तधान सेहरा सजाया गया।

श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया की आज सुबह बाबा महाकाल का भस्म लेपन, विभिन्न प्रकार के पाँच फलो के रसों से अभिषेक, पंचामृत पूजन (101 लीटर दूध, 31 किलो दही, 21 किलो खांडसारी, 21 शहद, 15 किलो घी) से अभिषेक, गंगाजल, गुलाब जल, भांग आदि के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक किया गया। अभिषेक उपरांत भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराये जाकर सप्तधान्य का मुखारविंद धारण कराया गया। जिसके बाद सप्तधान्य अर्पित किया गया जिसमें चावल, खड़ा मूग, तिल, मसूर, गेहू, जव, साल, खड़ा उडद सम्मिलित रहे। श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर का श्रृंगार कर पुष्प मुकुट (सेहरा) बांधा गया। आज भगवान श्री महाकालेश्वर जी को चंद्र मुकुट, छत्र, त्रिपुंड व अन्य आभूषणों से श्रृंगारित किया गया था। साथ ही भगवान पर न्योछावर नेग स्वरुप चांदी का सिक्का व बिल्वपत्र अर्पित किया गया। श्री महाकालेश्वर भगवान की सेहरा आरती की गई व भगवान को विभिन्न मिष्ठान्न, फल, पञ्च मेवा आदि का भोग अर्पित किए गए।

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