भले ही पिछली बार से डेम में कम पानी हो लेकिन जलसंकट को लेकर शहरवासियों का चिंता करने की जरूरत नहीं

अगस्त में इंदाैर और आसपास हुई तेज बारिश से गंभीर डेम में पूरी क्षमता से भर गया था। 42 बार गेट खोलना पड़े। तब पीएचई के अफसरों ने दावा था कि 12 महीने तक रोज जलप्रदाय करने जितना पानी जमा है। अप्रैल में ही एक दिन छोड़कर पानी मिलने लगा है। भले ही पिछली बार से डेम में कम पानी हो लेकिन जलसंकट को लेकर शहरवासियों का चिंता करने की जरूरत नहीं है।

बुधवार को गंभीर डेम में 556 एमसीएफटी पानी था, जबकि पिछले साल इस अवधि में 831 एमसीएफटी पानी संग्रहित था। इस लिहाज से देखें तो पिछले साल से 274 एमसीएफटी पानी कम है। 100 एमसीएफटी डेड स्टोरेज का माना जाता है। डेम में जलप्रदाय के लिए 456 एमसीएफटी पानी है। पीएचई के जलकार्य प्रभारी राजीव शुक्ला के अनुसार मौजूदा पानी से 65 दिन तक शहर की प्यास बुझाई जा सकती है।

2020 : 20 अगस्त से 1 दिन छोड़कर जलप्रदाय का निर्णय, 22 को डेम लबालब

गंभीर डेम में 38 दिन का पानी शेष रहने के बाद 21 अगस्त से पूरे शहर में जलप्रदाय नहीं किया गया। तय हुआ था कि अगला जलप्रदाय 22 अगस्त तारीख को होगा। सर्वसम्मति से निर्णय लिया था शहर में एक दिन छोड़कर जलप्रदाय किया जाए। 22 अगस्त को एक ही दिन में डेम में 2 हजार एमसीएफटी पानी संग्रहित हो गया।

यहां भी संग्रहित पानी

उंडासा तालाब में अगस्त में 5 एमसीएफटी पानी आ गया। क्षमता 212 एमसीएफटी है।

साहिबखेड़ी तालाब में अगस्त में 175 पानी जमा हो गया। इसकी क्षमता 446 एमसीएफटी है।

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