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मंगलनाथ मंदिर में 81 लाख से अधिक की रिकॉर्ड आय:शासकीय रसीद व भेंटपेटी से मंदिर समिति को मिली राशि
श्री महाकालेश्वर मंदिर के बाद श्री मंगलनाथ मंदिर दूसरा ऐसा मंदिर है। जहां दो महिने के दौरान रिकार्ड आय हुई है। यह आय मंदिर समिति द्वारा विभिन्न पूजा के लिए काटी जाने वाली शासकीय रसीदों व मंदिर में लगी भेंट पेटी से प्राप्त हुई है।श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर का विस्तारीकरण होने और श्री महाकाल लोक के शुभारंभ के बाद देश-विदेश से श्रद्धालु शहर पहुंच रहे है। ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालु महामंगल के स्थान श्री मंगलनाथ मन्दिर पर दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में भात पूजन, कालसर्प दोष, अर्क विवाह, कुंभ विवाह, श्रापित दोष तथा अंगारक दोष आदि के लिए प्रतिदिन मंदिर के पंडितों के माध्यम से पूजन कराई जाती है। पूजन के लिए श्री मंगलनाथ मंदिर समिति द्वारा शासकीय रसीद काटी जाती है। श्री मंगलनाथ मंदिर के प्रशासक केके पाठक ने बताया कि माह अगस्त तथा सितंबर में विभिन्न पूजन की शासकीय रसीदों से राशि मंदिर समिति को 51 लाख 25 हजार रुपए की आय प्राप्त हुई है। इसी प्रकार दो महिने में मंदिर की भेंट पेटी से 30 लाख 34 हजार रुपए की आय प्राप्त हुई है। रसीद व भेंट पेटी की की राशि से 81 लाख 59 हजार रूपए की आय हुई है। गौरतलब है कि कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम के नेतृत्व में एसडीएम लक्ष्मीनारायण गर्ग के मार्ग दर्शन में मंदिर में निर्माण व विकास कार्य भी तेजी से चल रहे है।
महाकाल महालोक के बाद बढ़े श्रद्धालु
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पीछे निर्मित श्री महाकाल महालोक के निर्माण के बाद देशभर के श्रद्धालु उज्जैन पहुंच रहे है। श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के साथ ही मंगल देव भगवान श्री मंगलनाथ के मंदिर भी आ रहे है। यहां पर खासकर मंगल दोष निवारण के लिए भात पूजा का विधान है। लिहाजा बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजन कराते है। मंदिर समिति द्वारा पूजन के लिए रसीद काटी जाती है। प्रशासक पाठक का कहना है कि अवकाश के दिन और मंगलवार के दिन तो सामान्य में करीब 50 हजार श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए पहुंचने लगे है।