मन्नत पूरी होने पर आज धधकते अंगारों पर नंगे पैर चलेंगे श्रद्धालु

उज्जैन | जीवाजीगंज क्षेत्र में गुरुवार को शीतलामाता मंदिर और जावरा वाले बाबा की मजार पर आस्था का मेला लगेगा। 12 फीट लंबी और 4 फीट चौड़ी चूल में 50 से ज्यादा श्रद्धालु धधकते हुए अंगारों पर नंगे पैर चलेंगे। चूल चेताने के लिए एक क्विंटल लकड़ियां मंगाई गई है। सैकड़ों लोग गुरुवार शाम को भक्ति का यह अद्भुत नजारा देखने पहुंचेंगे। आस्था का यह पर्व हिंदू-मुस्लिम एकता का भी परिचायक है। जितने हिंदू भक्त यहां पहुंचते हैं, उतनी ही संख्या में मुस्लिम जायरीन भी शामिल होते हैं। चैहल्लुम पर्व दोनों समुदाय के लोग मिलकर मनाते हैं। मंदिर और दरगाह के सेवक हैं, 80 साल के भैरवलाल परमार। उम्र की वजह से बोलने में उनकी जुबान जरूर खडख़ड़ाती है लेकिन बाबा का नाम लेकर चूल पर चलने पर एक बार भी पैर नहीं डगमगाते। वे बोलते हैं 40 साल पहले सरकार का आदेश हुआ था मां के मंदिर में मेरा स्थान बना और ईमान वाले मेरे दर पर आएंगे। सच्चे भक्तों की परख करने के लिए तभी से चूल जला रहा हूं। पहले अकेले अंगारों पर चलता था, अब मन्नत पूरी हाेने पर अन्य श्रद्धालु भी चलते हैं। वे बताते हैं, जब अंगारों पर चलते हैं तो ऐसा मेहसूस हाेता है जैसे मई के महीने में सड़क पर चल रहे हो। अंकपात मार्ग पर भी चूल का कार्यक्रम होगा।

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