महाकाल के साक्षात दर्शन के लिए टीका जरूरी:15 जून के बाद श्रद्धालुओं के लिए खुल सकता है महादेव का दरबार

अगर आप उज्जैन में महाकाल के दर्शन करना चाहते हैं, तो कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगवा लें। जिला प्रशासन ने वैक्सीनेशन का प्रमाणपत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया है। इसके मुताबिक ऐसे लोगों को ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा, जिन्होंने वैक्सीन लगवा ली है। अधिकारियों के मुताबिक 15 जून के बाद ही आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर खोलने पर निर्णय लिया जाएगा, लेकिन मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट अनिवार्य किया जाएगा। साथ ही, कोरोना संबंधित सभी गाइडलाइन का पालन करना होगा।

ये निर्णय सोमवार को आपदा प्रबंधन की बैठक में लिया गया। बृहस्पति भवन में हुई बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया समेत कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी सतेन्द्र शुक्ल समेत आला अधिकारी मौजूद थे। बैठक में निर्णय लिया गया कि महाकाल मंदिर जल्द ही श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा, लेकिन दर्शन का मौका सिर्फ उन्हीं को मिलेगा, जिन्होंने वैक्सीन लगवा ली है। यानी वैक्सीन लगवाने का प्रमाण पत्र दिखाकर ही मंदिर में प्रवेश मिल सकेगा। हालांकि मंदिर में आम श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति 15 जून के बाद मिल पाएगी। शुरुआत में दर्शन के लिए आने वालों को सर्टिफिकेट दिखाने के बाद ही प्रवेश मिलेगा। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को कोरोना गाइडलाइन का पालन भी करना होगा।

12 अप्रैल 2021 से बंद है मंदिर

विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर कोरोना महामारी के कारण इस साल 12 अप्रैल 2021 को उस वक्त श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था, जब संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी थी। अब जब शहर में संक्रमण की दर कम हो रही है। शहर भी अनलॉक हो रहा है। ऐसे में मंदिर को भी नियमों के साथ खोलने का निर्णय लिया गया है।

पिछले साल 21 मार्च 2020 से बंद था मंदिर

पिछले साल भी कोरोना के कारण महाकालेश्वर मंदिर को 21 मार्च 2020 को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था। इसके बाद जब केंद्र सरकार की गाइडलाइन में धीरे-धीरे देश अनलॉक होने लगा, तब 25 जून 2020 को मंदिर को दोबारा खोला गया। उस वक्त भी गाइडलाइन का पालन करवाते हुए श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलने लगा था।

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