- नंदी हाल से गर्भगृह तक गूंजे मंत्र—महाकाल के अभिषेक, भस्मारती और श्रृंगार के पावन क्षणों को देखने उमड़े श्रद्धालु
- महाकाल की भस्म आरती में दिखी जुबिन नौटियाल की गहन भक्ति: तड़के 4 बजे किए दर्शन, इंडिया टूर से पहले लिया आशीर्वाद
- उज्जैन SP का तड़के औचक एक्शन: नीलगंगा थाने में हड़कंप, ड्यूटी से गायब मिले 14 पुलिसकर्मी—एक दिन का वेतन काटने के आदेश
- सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संदेश, उज्जैन में निकला भव्य एकता मार्च
- सोयाबीन बेचकर पैसा जमा कराने आए थे… बैंक के अंदर ही हो गई लाखों की चोरी; दो महिलाओं ने शॉल की आड़ में की चोरी… मिनट भर में 1 लाख गायब!
महाकाल को भस्मी चढ़ाने वाले महानिर्वाणी अखाड़े के पूर्व महंत प्रकाशपुरी महाराज का निधन
Ujjain News: महानिर्वाणी अखाड़े के पूर्व महंत प्रकाशपुरीजी महाराज का शुक्रवार अलसुबह देवलोक गमन हो गया।
भगवान महाकाल को प्रतिदिन भस्मी चढ़ाने की परंपरा का निर्वाह करने वाले महानिर्वाणी अखाड़े के पूर्व महंत प्रकाशपुरीजी महाराज का शुक्रवार अलसुबह देवलोक गमन हो गया है। श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के पूर्व महंत प्रकाशपुरी महाराज ने शुक्रवार को तड़के सुबह करीब 3.30 बजे अंतिम सांस ली। महंत प्रकाश पुरी महाराज करीब 40 वर्षों से महाकाल मंदिर परिसर स्थित श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े में महंत के रूप में पदस्थ रहे, हाल ही में वे हरियाणा के कलावड़ स्थित मठ में पहुंच गए थे और वहीं पर रहकर विश्राम कर रहे थे।

महंत प्रकाश पुरी महाराज को वर्ष 1980 में गीता भारती जी की उपस्थिति में उज्जैन स्थित महानिर्वाणी अखाड़े का महंत नियुक्त किया गया था। श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के पूर्व महंत प्रकाश पुरी महाराज का देवलोक गमन होने से उज्जैन के साधु-संत और अखाड़ों से जुड़े महंत ने शोक संवेदना व्यक्त की है।
वर्तमान में विनीत गिरि महाराज हैं महंत
बता दें कि महंत प्रकाश पुरी महाराज ने पिछले दिनों अपनी अस्वस्था के चलते मंदिर समिति के प्रशासक एसएस रावत को अपनी सारी जिम्मेदारियां और पूजा-पाठ की समस्त जवाबदारियों तथा आश्रम सौंप दिया था और वे हरियाणा के अपने निजी आश्रम में विश्राम के लिए चले गए थे। उसके बाद महंत पद को लेकर काफी गहमागहमी का वातावरण बना, इस पद को लेकर कई लोगों ने दावेदारी भी जताई, लेकिन हरिद्वार में आयोजित पंचों की बैठक बाद हरियाणा के विनीत गिरि महाराज को यहां का महंत घोषित कर गद्दी पर आसीन किया गया।