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महाकाल मंदिर से तीन घंटे डॉक्टर और नर्स नदारद, फार्मासिस्ट ने देखे मरीज
उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में एक के बाद एक दो लोगों की मृत्यु हो जाने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर मंदिर परिसर मेें चिकित्सा सुविधा बढ़ाने के साथ अतिरिक्त डॉक्टर व नर्स की ड्यूटी भी लगाई गई थी। लेकिन स्टाफ के लोग अपनी ड्यूटी को गंभीरता से नहीं ले रहे। सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक जिन डॉक्टर व नर्स की ड्यूटी थी वह सुबह 10 बजे तक नदारद रहे हैं और चिकित्सा सेंटर को फार्मासिस्ट ने संभाला।
राजू पिता मुन्नालाल 31 वर्ष निवासी बरेली बोलेरो ड्रायवर है और वह बरेली के 90 कांवडिय़ों के साथ औंकारेश्वर से नर्मदा का जल लेकर महाकालेश्वर मंदिर पहुंचा था। यहां दर्शनों के पश्चात राजू को घबराहट के साथ चक्कर आने लगे। उसे तुरंत मंदिर परिसर प्याऊ के पास स्थित चिकित्सा केन्द्र पर साथी ले गये। यहां मौजूद फार्मासिस्ट श्रीमती मेधा जोशी ने उनका ब्लडप्रेशर चेक किया और मंदिर प्रशासन की एम्बुलेंस से जिला चिकित्सालय भेज दिया।
यहां डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद राजू को भर्ती कर लिया। खास बात यह कि श्रीमती जोशी फार्मासिस्ट हैं और उनकी ड्यूटी सुबह 7 से 3 बजे तक लगाई गई है। इसी समय में डॉ. विपाशा व्यास और नर्स श्रीमती रेखा जाधव की भी ड्यूटी थी लेकिन उक्त दोनों समय पर यहां मौजूद नहीं थीं इस कारण राजू को फार्मासिस्ट ने चैक किया व एम्बुलेंस से जिला चिकित्सालय भेज दिया। करीब 9.30 बजे यहां एक डॉक्टर पहुंचे और उन्होंने ड्यूटी वाले लोगों की जानकारी ली और सीएचएमओ को डॉक्टर व नर्स नदारद होने की सूचना भी दी।
मंदिर में ही क्यों हो रहे लोग बीमार
श्रावण मास प्रारंभ होने के बाद से लेकर आज सुबह 10 बजे तक महाकाल मंदिर परिसर स्थित अस्थायी चिकित्सालय में कुल 203 लोग बीमार हालत में पहुंचे हैं। खास बात यह कि इतने लोगों में आधे से अधिक संख्या उन लोगों की है जो मंदिर दर्शन करने के बाद बाहर आकर घबराहट, ब्लडप्रेशर कम ज्यादा होने, चक्कर आने की शिकायत कर रहे हैं। प्रश्न यह है कि यह कोई पहला अवसर नहीं जब हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने पहुंच रहे हों, लेकिन दर्शन के बाद बीमार पडऩे वालों की तीन दिन में संख्या 200 के आंकड़े को पार करना जांच का विषय है। इस संबंध में सीएचएमओ डॉ. राजू निदारिया से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि अभी टी.एल. बैठक में हूं जिससे निपटने के बाद चर्चा कर पाऊंगा।