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महाशिवरात्रि: तीन दिन महाकाल मंदिर परिसर में नहीं घूम पाएंगे श्रद्धालु
दर्शन के बाद सीधे निर्गम द्वार पहुंचेंगे, मंदिर के आसपास वाहन प्रतिबंधित
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन। दो दिन बाद महाशिवरात्रि का पर्व है। इससे पहले ही भगवान श्री महाकाल के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ बढऩे लगी है। इसे देखते हुए मंदिर समिति द्वारा व्यवस्था में थोड़ा बदलाव करते हुए भक्तों को मंदिर परिसर (ओंकारेश्वर के सामने) में रूकने पर रोक लगा दी है। उन्हें सीधे निर्गम द्वार से बाहर किया जा रहा है। वहीं वाहनों को मंदिर के आसपास नहीं जाने दिया जा रहा है।
प्रशासन द्वारा महाशिवरात्रि पर्व को लेकर विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। बेरिकेड्स और शेड लगा दिए गए हैं। गुरुवार को भी सुबह से ही बड़ी संख्या में भक्त मंदिर पहुंचने लगे। इस कारण मंदिर परिसर में रूकने नहीं दिया जा रहा है। दर्शन के बाद सीधे निर्गम द्वार से बाहर कर रहे हैं। सुबह में दर्शनार्थियों की तीन कतार लगाई गई थी। एक घंटे में आसानी से भगवान के दर्शन हो रहे थे। समिति द्वारा मोबाइल के लॉकर भी भीड़ बढऩे के कारण बंद कर दिए गए हैं। वाहनों को भी मंदिर के आसपास नहीं जाने दिया जा रहा है।
शिप्रा में छोड़ा नर्मदा का जल
गुरुवार सुबह शिप्रा स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। कुबेरश्वर धाम जाने वाले लोग अधिक आ रहे हैं। रामघाट सहित अन्य घाटों पर भी सुबह से ही भीड़ लगी हुई थी। प्रशासन द्वारा भी पुलिस बल और तैराक दल तैनात किया गया है। वहीं पीएचई द्वारा भी नर्मदा का जल शिप्रा में छोड़ा जा रहा है। नदी के गंदे पानी को आगे बहाया जा रहा है।
भीड़ बढ़ी तो ऑटो वाले करने लगे मनमानी
महाशिवरात्रि से पूर्व ही श्रद्धालुओं का महाकाल की नगरी में आगमन शुरू हो गया है। टे्रनों, बसों और निजी वाहनों से भी श्रद्धालु आ रहे हैं। इधर भीड़ बढ़ते ही ऑटो रिक्शा वाले मनमानी पर उतर आए हैं। आज सुबह जयपुर-चैन्नई एक्सप्रेस टे्रन से आए श्रद्धालु ऑटो के लिए परेशान होते रहे।
श्रावण मास में ऑटो, ई-रिक्शा और होटलवालों ने बड़े पैमाने में पर मनमानी की थी। इसी के चलते जनवरी माह में प्रशासन ने इनकी मीटिंग लेकर चेतावनी दी थी कि महाकाल की नगरी में आने वाले श्रद्धालुओं से मनमाना किराया वसूल नहीं करें। लेकिन इस चेतावनी का असर कहीं दिखाई नहीं दे रहा है।
गुरुवार सुबह में राजस्थान से आए श्रद्धालु ऑटो के लिए भटकते रहे। प्रीपेड बूथ भी बंद था। ऑटो वाले सिर्फ होटल ले जाने की बात करते रहे। क्योंकि इनका होटलवालों से कमीशन तय रहता है। इसलिए वे अन्यत्र जाने के लिए तैयार ही नहीं होते हैं। इस ओर पुलिस प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।