ये पलायन रिटर्न है:गुजरात-महाराष्ट्र से लौट रहे मजदूर

नेशनल हाईवे 52 से लगे शाजापुर जिले में एक बार फिर कोरोना की विस्फोटक स्थिति निर्मित होती दिखाई दे रही है। पिछले 24 घंटों में दो अलग अलग नजारे जो सामने आए वह डराने वाले थे। पहला महाराष्ट्र, गुजरात में काम करने वाले उत्तरप्रदेश और बिहार के मजूदरों ने लॉकडाउन की अफवाहों के बीच एक बार फिर से पलायन शुरू कर दिया। वहीं दूसरी ओर शहर में दो दिनों के अंदर ही 44 नए केस सामने आई। डराने वाली बड़ी बात तो यह दिखाई दी कि सुरक्षा इंतजामों के एक दिन पहले बनाए कंटेनमेंट एरियों को शहर के लोगों ने बाजार खुलते ही हटा दिया।

विस्फोटक स्थिति को लेकर भास्कर ने जिले से गुजरे 50 किमी हिस्से के तीन स्थानों से ग्रांउड रिपोर्ट में दिखाई दी संक्रमण से भरी हलचल। जो आने वाले दिनों में विस्फोटक स्थिति निर्मित कर देगी, क्योंकि शहर के बायपास पर रात को रुक रही बसों में क्षमता से अधिक मजदूर यात्रियों का जत्था रुक रहा है। इनके पास न तो मास्क दिखाई दिए और न ही संक्रमण से बचने के लिए कोई अन्य इंतजाम। भेड़-बकरियों की तरह एक-दूसरे सटकर बस में बैठे इन यात्रियाें के संबंध में प्रशासन को भी कोई जानकारी नहीं है। एसडीएम शाजापुर एसएल सोलंकी के अनुसार ऐसी कोई स्थिति नहीं है। बस शहरी क्षेत्र में माइक्रो कंटेनमेंट एरिए बनाए जा रहे हैं।

दूसरे प्रदेशों से लौट रही इस भीड़ पर किसी की नजर नहीं… अंदर डिस्टेंसिंग भी नहीं

मक्सी बायपास से विकास गोयल

जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर मक्सी को उज्जैन व इंदौर शहर से जोड़ने वाले स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे के ढाबों पर रुकी बसों का नजारा डराने वाला था। बस का दरवाजा खुला तो 80 यात्रियों की क्षमता वाली बस में 133 मजदूर सवार थे। ये सभी गुजरात से कानपुर उत्तरप्रदेश के लिए जा रहे थे। यात्रियों का कहना था कि गुजरात में अब लॉकडाउन की स्थिति निर्मित हो रही है। इसके चलते हम अपने घर को जा रहे हैं।

पनवाड़ी से सतीश शर्मा

नीतियों पर अब भरोसा नहीं, इसलिए हमारे निर्णय अटल है

शाजापुर जिले से सटे राजगढ़ जिले की सीमा के पहले पनवाड़ी क्षेत्र की होटलों पर इन दिनों बाहरी लोगों का जमावड़ा दिखाई देने लगा है। दिन में आने वाली बसों में सीमित यात्री दिखाई देते हैं। पर रात में आने वाली बसों में ओवरलोड यात्रियों का जत्था कोरोना बम के रूप में क्षेत्र में रुक रहा है। ऐसे में स्थानीय होटलों के पास भी ज्यादा सुरक्षा इंतजाम नहीं होने के कारण किसी भी दिन काेरोना विस्फोट होने से इनकार नहीं किया जा सकता।

एक बार पुनः लॉकडाउन की अफवाहों के चलते मुंबई, अहमदाबाद, जामनगर, सूरत जैसे बड़े औद्योगिक महानगरों से चलकर उत्तरप्रदेश के बस्ती, गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर की ओर बसों में भरकर महिला-पुरुष पलायन करने लग गए हैं। ग्राम बस्ती के रामबन ने बताया कि पहले हमने रातों को जागकर भूखे, प्यासे, नंगे पैर हजारों किलोमीटर की यात्रा पैदल ही की है, इसलिए अब सरकार की नीति पर भरोसा नहीं रहा, हमारे निर्णय अटल है।

शाजापुर शहर से नितिन राजावत

शहर में तीन हाॅट स्पाट : पहले बैरिकेडिंग फिर खोली, संक्रमण का खतरा

बीते 24 घंटों में शहर में 44 नए कैसे सामने आने की खबर से प्रशासन भी सकते में है। प्रशासन ने जब संक्रमित मरीजों के क्षेत्रों का स्कैन किया तो शहर के तीन मोहल्ले हॉट स्पाट के रूप में उभरकर सामने आए। इसे लेकर एक दिन पहले यानी सोमवार को ही शहर के वार्ड क्रमांक 24 के भट्ट मोहल्ले में 6 पाॅजिटिव मरीज सामने आने के साथ एक की मौत भी हो गई थी। इसके बाद वार्ड क्रमांक 9 के भंसाली मोहल्ले में 4 मरीज सामने आए थे।

इन दिनों मोहल्ले के ज्यादातर एक्टिव केस का संबंध सराफा बाजार से होने पर सराफा भी सील कर दिया था, लेकिन अगले ही दिन सराफा के बैरिकेड्स हटा दिए गए। जो संक्रमण को खुला न्योता देने जैसा दिखाई दिया। इसे लेकर जब लोगों ने सवाल खड़े किए तो एसडीएम सोलंकी ने आर्थिक गतिविधियों को बाधित नहीं होने का तर्क देकर अब माइक्रो कंटेनमेंट एरिए बनाने के निर्देश दे दिए हैं।

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