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रेमडेसिविर के साइड इफेक्ट बन रहे मुसीबत:इंजेक्शन से मिला शुगर, किडनी
कोरोना के इलाज में उपयोग की जा रही दवाइयों के साइड इफेक्ट भी सामने आने लगे हैं। मरीजों को नई बीमारियां होने लगी है। खासतौर पर स्टेरॉयड से उन मरीजों को शुगर हो रही है, जिन्हें पहले शुगर नहीं थी। ऐसे में शुगर के मरीज बढ़ने लगे हैं। पहले से जिन मरीजों को शुगर है, उनका शुगर लेवल 350 से 450 तक पहुंच गया। अब उन्हें इंसुलिन पर रखना पड़ रहा है। रेमडेसिविर इंजेक्शन के भी मरीजों में साइड इफैक्ट सामने आने लगे हैं। यह एक एंटीवायरल ड्रग है, जिसके उपयोग से मरीजों के लीवर व किडनी पर असर पड़ रहा है। साथ ही अन्य शिकायतें भी सामने आ रही हैं।
यह इंजेक्शन शुरुआत में लगवाने से असरकारक होता है लेकिन बीमारी के पूरी तरह से फैलने पर इसका उपयोग किए जाने से विपरीत प्रभाव भी पड़ता है। बुजुर्ग या ऐसे मरीज जिनकी रिपोर्ट भले ही निगेटिव आई हो और लक्षण कोरोना के ही हैं तो उन पर भी बुरा असर पड़ रहा है। कोविड विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का लाइन ऑफ ट्रीटमेंट स्टेरॉयड इंजेक्शन या टेबलेट है, जिसे मरीजों को दी जा रही है।
मरीजों में शुगर लेवल बढ़ रहा है। ऐसे मरीज भी सामने आए हैं जिन्हें पहले शुगर नहीं थी लेकिन इंजेक्शन लगाए जाने के बाद उन्हें शुगर हो गई। जिन मरीजों को पहले से शुगर थी, उनका शुगर लेवल उच्च स्तर पर पहुंच गया। ऐसे में मरीजों को कोराेना के इलाज के साथ में उनकी शुगर भी कंट्रोल करना पड़ रही है। इसके लिए उन्हें इंसुलिन पर रखना पड़ रहा है।
रेमडेसिविर इंजेक्शन के उपयोग से किडनी व लीवर पर भी असर हो रहा है, हालांकि मरीजों के स्वास्थ्य में भी सुधार देखा जा रहा है लेकिन विशेषज्ञों का साफ तौर पर कहना है कि यह कोरोना के इलाज की दवाई नहीं है, यह एक एंटी वायरल ड्रग है। सभी तरह के मरीजों में बदलाव देखे जा रहे हैं।
यह मामले…450 तक पहुंचा शुगर का लेवल
- गिरीश कुमार वैद्य को पहले शुगर नहीं थी, उन्हें कोरोना का इलाज दिए जाने के बाद उन्हें शुगर हो गई। उनका शुगर लेवल 350 तक पहुंच गया। जिन्हें इंसुलिन पर रखना पड़ा।
- कुंदन की पत्नी श्रीमती दिसावल जो चेरिटेबल हॉस्पिटल में अपना इलाज करवा रही हैं, उन्हें भी शुगर हो गई, जो कि बढ़ते हुए 450 तक पहुंच गई। इन्हें भी इंसुलिन दी गई।
- कोविड हॉस्पिटल माधवनगर में इलाज करवा रहे गौतम व हिमांशु का भी 350 से 400 शुगर लेवल पहुंच गया था, जिसे 150 पर लाया गया। इन्हें लगातार इंसुलिन पर रखा जा रहा है।
असर : सांस फूल रही और थकान
- मरीजों का शुगर लेवल बढ़ रहा है। जिन्हें पहले शुगर नहीं थी, उन्हें शुगर हो रही है।
- आंखों का लाल होना व यूरीन डार्क होने जैसी परेशानी भी हो रही है।
- लीवर व किडनी पर असर पड़ रहा है। इंफेक्शन का खतरा बना हुआ।
- ब्लड में हाई स्तर का ब्लूरिबन की शिकायत सामने आ रही है।
- सांस फूलना व थकान भी मरीजों में बनी रह रही है।
शुगर लेवल बढ़ने की शिकायतें
^कोविड के ट्रीटमेंट के तहत इंजेक्शन व दवाइयां मरीजों को दी जा रही है। मरीजों में शुगर बढ़ने की शिकायत आ रही है।
डॉ. सोनाली अग्रवाल, कोविड विशेषज्ञ
मरीजों को इंसुलिन देना पड़ रही है
^स्टेरॉइड इंजेक्शन या टेबलेट से मरीजों में शुगर हो रही है। ऐसे मरीजों को इंसुलीन पर रखना पड़ रहा है।
डॉ. सुधाकर वैद्य, नोडल अधिकारी, मेडिकल कॉलेज