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शहर में बढ़ते रावण दहन उत्सवों का विरोध; बोले- दहन नहीं, लंकेश का पूजन करेंगे
उज्जैन | दशहरे पर शनिवार को जहां एक तरफ शहर में रावण दहन उत्सव होंगे वहीं क्षीरसागर स्थित अंतरराष्ट्रीय लंकेश परिषद के कार्यालय में लंकेश का पूजन किया जाएगा। आयोजक सुनिल शर्मा का कहना है शहर में रावण दहन उत्सवों की संख्या बढ़ती जा रही है, इन पर रोक लगाने के लिए महापौर मीना जोनवाल व कलेक्टर संकेत भोंडवे को ज्ञापन भी दिया है। पं. शर्मा के अनुसार रावण महा पंडित थे और उनके मोक्ष के लिए श्रीराम अवतार हुआ था। इसलिए दशहरे पर दहन नहीं लंकेश का महापूजन किया जाएगा। वे 28 साल से लंकेश की पूजा कर रहे हैं। इस आयोजन को दो साल से विस्तार दिया गया है। इस साल दोपहर 12 बजे संस्था कार्यालय में महापूजन होगा। पं. शर्मा ने कहा कि शहर में रावण दहन उत्सव बढ़ते जा रहे हैं, जिन पर रोक लगाई जाना चाहिए। स्वच्छता अभियान में भी यह बाधा है। इसलिए महापौर और कलेक्टर को ज्ञापन देकर रोक लगाने की मांग की है।
लाते हैं चित्र और मूर्ति
पं. शर्मा के अनुसार 28 साल से यह महापूजा की जा रही है। इसलिए लंकेश का चित्र बनवाया था। दो साल पहले श्रीफल से लंकेश की मूर्ति बनवाई थी। इन्हें केवल दशहरे पर एक दिन के लिए ही दर्शन पूजन के लिए बाहर निकालते हैं। संस्था से जुड़े लोगों को ही आमंत्रित किया जाता है।