शिप्रा नदी किनारे गंगा दशहरा उत्सव:101 फीट की चुनरी मां शिप्रा को अर्पित

शिप्रा नदी के रामघाट स्थित नीलगंगा सरोवर पर गंगा दशहरा उत्सव मनाया गया। मां शिप्रा को 101 फीट लंबी चुनरी भी ओढ़ाई गई। इससे पहले विधि विधान से उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, विधायक पारस जैन सहित अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के अध्यक्ष पं. महेश पुजारी, संत भगवान बापू के सानिध्य में शिप्रा गंगा माता का अभिषेक-पूजन कर माता गंगा से कोरोना से मुक्ति के लिए प्रार्थना की गई। इस मौके पर संत पंडे पुजारी और आम श्रद्धालु भी मौजूद रहे। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिप्रा गंगा माता की पूजा अर्चना कर चुनरी अर्पित की। गंगा दशहरा के अवसर पर नीलगंगा स्थित प्राचीन सरोवर पर एक नजारा देखने को मिला। यहां सुबह अखाड़े के संतों ने सरोवर में आस्था की डुबकी लगाई और इसके बाद गंगा माता का पंचामृत अभिषेक पूजन किया।

शिप्रा नदी किनारे गंगा दशहरा का खास महत्व

मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर गंगा दशहरा उत्सव मनाने की परंपरा पुरानी है। रविवार को भी यह उत्सव परंपरागत रूप से मनाया गया। शिप्रा लोक संस्कृति समिति द्वारा हर साल शिप्रा परिक्रमा यात्रा का आयोजन किया जाता है। हालांकि बीते दो सालों से कोरोना संक्रमण के कारण यात्रा स्थगित की जा रही है। आज शिप्रा तट स्थित गंधर्व कुंड में गंगा माता की प्रतिमा विराजित कर पूजन अर्चन में सभी पुजारी मंत्री और विधायक सहित अन्य लोग शामिल हुए। गंगा दशहरा के पूजन के साथ-साथ माता गंगा से महामारी निवारण के लिए प्रार्थना की गई।

101 फीट की चुनरी चढ़ाई

पंडित संजय जोशी कुंडवाला ने बताया सुबह 8 बजे प्रभारी मंत्री डॉ. मोहन यादव, विधायक पारस जैन, जनअभियान परिषद् के पूर्व उपाध्यक्ष प्रदीप पांडे, पूर्व भाजपा अध्यक्ष इकबाल सिंह गांधी, अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के अध्यक्ष पं. महेश पुजारी, संत भगवान बापू के सानिध्य में शिप्रा गंगा माता का अभिषेक-पूजन किया गया। गन्धर्व कुंड पर इसका बड़ा महत्व है। राजा गंधर्व ने यहां 12 साल तक तपस्या की थी। पूजन पाठ के बाद गंगा माता को चुनरी अर्पित की गई।

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