संगीत दिवस पर विशेष:जो बाथरूम व गलियों में गाते थे, ऐसे एक हजार से ज्यादा गायकों को मिला मंच

विश्व संगीत दिवस पर आज उन सुर साधकों से रूबरू करवा रहे हैं, जो हमारे अपने हैं। बचपन से जिनका सपना था कि वे अपनी आवाज को दुनिया के स्वर प्रेमियों तक पहुंचाएं। इसके लिए उन्होंने विधिवत शिक्षा भी ली। ऐसे कलाकारों को मंच दिलाने में मदद की जो केवल बाथरूम या स्ट्रीट सिंगर कहलाते थे। उन्हें अपनी कला दिखाने का मौका दिया।

कालिदास अकादमी के साथ शिप्रा तट पर दी प्रस्तुतियां

संगीत गुरु देवेंद्र दुबे के सानिध्य में सुरों की साधना करने के बाद सोचा शहर के लिए कुछ किया जाए। वॉइस ऑफ उज्जैन के जरिए बाथरूम और स्ट्रीट सिंगर कहलाने वालों को मंच दिलाया। कालिदास संस्कृत अकादमी और शिप्रा तट पर प्रस्तुतियां दी। वार्ड स्तर पर मंच के जरिए एक हजार से ज्यादा कलाकारों को मौका दिया।
-कपिल यार्दे

संगीत इनका शौक, फिल्म रणनीति में टाइटल सांग गाया

बचपन में मेरी उम्र के बच्चे जब खिलौने से खेलते थे, मुझे सुरों की लहरियां अपनी ओर खींचती थी। धीरे-धीरे इसमें रुचि बढ़ती गई। दोस्तों ने हौसला बढ़ाया तो संगीत में बीए की डिग्री भी प्राप्त की। उज्जैन एंथम ये नगरी उज्जैन में आवाज देना मेरे लिए गौरव के क्षण थे। फिल्म रणनीति के टाइटल सांग को गाना मेरे लिए अनोखा अनुभव था। -राजेश श्रीवास

जिन्हें बचपन से सुना, उनके नाम का अलंकरण मेरे लिए गर्व की बात

जिन्हें बचपन से सुना। जिनके गीत गुनगुनाए। उनके नाम के समारोह में हिस्सेदारी मेरे लिए गर्व की बात है। लता मंगेश्वर अलंकरण समारोह में उज्जैन से प्रथम आई। अल्का याग्निक के हाथों विक्रमादित्य अवार्ड मिला। अमृतसर की वाघा बार्डर पर देशभक्ति गीताें की प्रस्तुति भी दी। संध्या गरवाल

संगीत के साथ सौंदर्य-अनूठा संगमरमर का नगाड़ा बनाया

शहर के नरेंद्रसिंह कुशवाह ने संगीत के साथ सौंदर्य का अनूठा प्रयोग करते हुए पहला संगमरमर का नगाड़ा बनाया है। खूबी यह है कि पारंपरिक नगाड़े के समकक्ष इस नगाड़े का संगीत बीसा ही है, उन्नीसा नहीं।

गीतों की ऑनलाइन प्रस्तुति

विश्व संगीत दिवस के मौके पर सोमवार को पहली बार एक ही मंच पर शास्त्रीय, लोकगीत के साथ फिल्मी गीतों की ऑनलाइन प्रस्तुति दी जाएगी। सुबह 10 बजे से रात तक उज्जैन वाले ग्रुप, ठहाका ग्रुप, द यूनिवर्सल ग्रुप पर शहर के कलाकार सुरों की लड़ियां बिखेरेंगे

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