सबसे बड़ा अभियान:एक किमी रोड में 157 पेड़, 65 को ट्रांसप्लांट कर बचा रहे, 92 के बदले 920 पौधे लगाएंगे

शहर का अब तक का सबसे बड़ा ट्रांसप्लांट अभियान नगर निगम ने शुरू किया है। बीच शहर में बिनोद-बिमल मिल की जमीन में बनाए जा रहे एक किलोमीटर लंबे फोरलेन के बीच आ रहे 157 पेड़ों में से 65 पेड़ों को ट्रांसप्लांट किया जा रहा है।

इसके अलावा 92 पेड़ काटेंगे तो उसके एवज में 920 पौधे लगाए जाएंगे। इन पेड़-पौधों की 3 साल तक देखभाल की जिम्मेदारी भी मप्र सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) को दी गई है, जो रोड बना रहा है। एमपीआरडीसी हर तीन महीने में इनकी रिपोर्ट नगर निगम को देगा। बिनोद-बिमल मिल की जमीन राज्य सरकार बेच रही है। जमीन के बीच एक किमी लंबा फोरलेन बनाया जा रहा है। इस रोड को बनाने में 157 पेड़ आड़े आ रहे हैं। इन्हें हटाने के लिए नगर निगम ने एमपीआरडीसी को सशर्त अनुमति दी है।

निगमायुक्त क्षितिज सिंघल का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में बीच शहर से पेड़ों को हटाने का मामला जब सामने आया तो इसे आपदा को अवसर बनाने की ठानी। रोड के बीच आ रहे बड़े ऐसे पेड़ों का सर्वे कराया, जिन्हें ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।

ऐसे 65 पेड़ों को ट्रांसप्लांट करना तय किया। इसकी जिम्मेदारी एमपीआरडीसी को दी। पूरी योजना बना कर ट्रांसप्लांट का काम शुरू कर दिया। अब तक 5 पेड़ ट्रांसप्लांट हो चुके हैं। यह शहर में अब तक का सबसे बड़ा ट्रांसप्लांट अभियान है। इनके अलावा 92 पेड़ ऐसे हैं, जिन्हें ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सकता।

इसलिए इनकी एवज में महानंदा नगर में स्मार्ट सिटी द्वारा बनाए गए साइकिल ट्रैक पर 920 पौधे यानी 1 के बदले 10 पौधे, जो 8 फीट के होंगे, लगाए जाएंगे। इसका पूरा खर्च एमपीआरडीसी ही उठाएगा।

इतना ही नहीं हर 3 महीने में इसकी रिपोर्ट निगम को दी जाएगी। 3 साल तक एमपीआरडीसी इनकी देखभाल भी करेगा। यह पूरा काम उद्यान अधिकारी विधु कोरव की देखरेख में चल रहा है।

एमआर-5 पर पीपल लगाए ताकि वातावरण शुद्ध होता है

एमआर-5 पर निगम का कचरा संग्रहण केंद्र बना है। कोरव के अनुसार वहां फेंसिंग कर निगम ने पीपल लगाए हैं। वहीं पर पेड़ ट्रांसप्लांट किए जा रहे हैं। अब तक 5 पेड़ ट्रांसप्लांट हो चुके हैं। इनकी देखभाल एमपीआरडीसी कर्मचारी करेंगे।

ट्रांसप्लांट विशेषज्ञों की निगरानी में किया गया है, ताकि पेड़ फिर से हरे भरे हो सकें। साइकिल ट्रैक पर पीपल, नीम, शीशम जैसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले पौधे लगाए जाएंगे। इस पूरे काम की वीडियोग्राफी की कराई जा रही है।

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