महाकाल में दोनों वैक्सीन लगवा चुके श्रद्धालुओं को तय संख्या में ऑनलाइन प्री-परमिशन से ही प्रवेश दें

शहर में लॉकडाउन से प्रतिबंधित क्षेत्रों में छूट के लिए सोमवार को सुबह 11.30 बजे बृहस्पति भवन में आपदा प्रबंधन समूह की बैठक होगी। इसमें स्थिति की समीक्षा की जाएगी। संभावना है धार्मिक स्थलों को भी छूट मिल सकती हैं। भास्कर ने एक्सपर्ट पैनल बनाकर मंदिरों में दर्शन व्यवस्था की गाइडलाइन तैयार कराई। क्योंकि तीर्थ की आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देने के लिए महाकालेश्वर सहित अन्य प्राचीन मंदिरों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटाना होगा।

दर्शनार्थी आएंगे तो शहर के व्यापार व्यवसाय चलेंगे। बाजार में पैसा आएगा। शहर में रौनक बढ़ेगी। एक्सपर्ट्स का मत है महाकालेश्वर मंदिर से शुरुआत होना चाहिए। यहां ऐसे श्रद्धालुओं को ऑनलाइन प्री-परमिशन से दर्शन की सुविधा की जाए जिन्हें दोनों वैक्सीन लग चुकी है। अन्य प्रमुख मंदिरों के लिए भी नए सिरे से गाइड लाइन लागू की जा सकती है। एक्सपर्ट्स का सुझाव है शहर के प्राचीन मंदिरों की अपनी परंपराएं, पूजन पद्धति और मान्यताएं हैं। इसलिए हरेक मंदिर की परंपराओं को ध्यान में रख कर मंदिर समिति और आपदा प्रबंधन समूह मिल कर फैसला करें। समूह के अध्यक्ष डॉ. मोहन यादव व सांसद अिनल फिरोजिया ने कहा बैठक में समीक्षा कर इस संंबंध में निर्णय लिया जाएगा।

आपदा प्रबंधन समूह मंदिर समितियों के साथ मिलकर मंदिरों की परंपराओं के अनुसार श्रद्धालुओं को सुविधा दे सकता है

दर्शन करना है तो वैक्सीन लगवाए: महाकाल मंदिर में प्रवेश के लिए दोनों वैक्सीन लगवाने वाले श्रद्धालु को प्री-परमिशन से पहले प्रवेश शुरू किया जा सकता है। मंदिर समिति अपनी प्री-परमिशन सेवा में आधार कार्ड के साथ वैक्सीन सर्टिफिकेट भी अनिवार्य कर सकती है।

केवल दर्शन के लिए अनुमति दी जाए : शुरुआत में केवल मंदिरों में गर्भगृह के बाहर से ही दर्शन की अनुमति दी जा सकती है। पूजन सामग्री, प्रसाद पर रोक लगा सकते हैं। मुख्य प्रवेश द्वार से ही सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को प्रवेश दें। ताकि मंदिर में भीड़ नहीं जुटे।

प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर व जांच: प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं के हाथ सैनिटाइज और प्राथमिक स्वास्थ जांच की व्यवस्था की जा सकती है। यदि कोई श्रद्धालु पूजन सामग्री आदि लेकर आता है तो प्रवेश द्वार पर उसे प्राप्त करने के लिए भी व्यवस्था की जाना चाहिए।

पूजन की विशेष परमिशन व संख्या : स्थिति अनुकूल होने पर महाकाल में शृंगार, पंचामृत, अनुष्ठान आदि, मंगलनाथ में भात पूजा, सिद्धवट में चतुर्दशी को दूध अर्पण, चिंतामन में चोला शृंगार जैसे प्राचीन मंदिरों की खास परंपराओं के लिए नियम तय किए जा सकते हैं।

प्रवेश से निर्गम तक श्रद्धालु रुके नहीं : मंदिरों में प्रवेश से निर्गम तक श्रद्धालु कहीं रुके नहीं। परिसर में रुकने, फोटोग्राफी करने, सेल्फी लेने पर सख्ती से प्रतिबंध लगाना होगा। पुजारियों, पुरोहितों व मंदिर समिति कर्मचारियों का वैक्सीनेशन पहले कराएं।

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