सांसद से नाम धोखाधड़ी: नौकरी और लोन के लिए 20 लोगों को लाखों का चूना

उज्जैन |  तीन वर्ष की बेटी के इलाज के लिए मुख्यमंत्री सहायता येाजना में १५ लाख रुपए दिलाने के नाम पर ५ लाख रुपए की ठगी करने वाले आरोपियों ने ऐसी 20 और ठगी की है। आरोपियों ने खुद ही कबूला है कि वे लंबे समय से बैंक लोन, शासकीय योजना का फायदा तथा नौकरी दिलाने के नाम पर पर लोगों से रुपए वसूल रहे हैं। हालांकि पुलिस के पास अभी ठगी के शिकार हुए अन्य लोग नहीं पहुंचे। वहीं पकड़े गए आरोपी में से एक प्रॉपर्टी ब्रोकर व बिल्डर सचिन मित्तल भी है, जिस पर ओम साईं ओम मल्टी में धांधली के चलते पहले से ही प्रकरण दर्ज है और फिलहाल जमानत पर है।

एसपी सचिन अतुलकर ने बताया कि चिमनगमंडी थाने में तिरुपति गोल्ड कॉलोनी निवासी भागीरथ पिता मोहनलाल बाथम ने अपनी तीन वर्षीय बेटी के इलाज के लिए मुख्यमंत्री सहायता योजना के नाम पर ५ लाख रुपए की धोखाधड़ी करने की शिकायत की थी। मामले में पुलिस ने पिंग्लेश्वर कॉलोनी निवासी रोहित पिता सत्यनारायण शर्मा व उसके साथी सचिन मित्तल पिता ओमप्रकाश मित्तल निवासी ऋषिनगर को पकड़ा था। दोनों ने मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता के नाम पर भागीरथ बॉथम को १५ लाख रुपए दिलाने के नाम पर ५ लाख रुपए ले लिए थे। इन्होंने इंदौर के एक पुलिसकर्मी भूपेंद्र चौहान का फर्जी नाम लेकर भी पीडि़त पिता से रुपए वसूले थे। दोनों आरोपियों जब पूछताछ की गई तो इन्होंने इस तरह की ठगी की 20 अन्य वारदातें करना कबूली हैं। इनका कहना है कि यह लोगों को बैंक लोन, नौकरी दिलाने व शासकीय योजनाओं का फायदा दिलावाने के नाम पर ठगते थे। यह लोगों से दस्तावेज लेते और काम करवाने के बहाने रुपए ले लेते थे। बाद में इसे वापस नहीं करते थे। अगर कहीं दबाव बनता तो चेक देकर उसे बाउंस करवा देते थे। दोनों ने 20 अन्य लोगों से धोखाधड़ी की है उनकी पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस का कहना है कि अभी ठगी के शिकार लोग थाने नहीं पहुंचे हैं। पुलिस दोनों आरोपियों से ओर पूछताछ कर रही है।

 

खुद ही अधिकारी और नेता बनकर करते थे बात

पुलिस जांच में सामने आया कि रोहित और सचिन जाल में फंसाए लोगों को काम होने का विश्वास दिलाने के लिए अधिकारी और सांसद बनकर बात करते थे। इनके मोबाइल पर संबंधित के नाम भी मंत्री और विभाग से जुड़े अधिकारियों के होते थे। लिहाजा जब लोग बात करते तो उन्हें विश्वास हो जाता था कि सही व्यक्ति से बात कर रहे हैं। पुलिस ने इनके पास से तीन मोबाइल और कॉल डिटेल भी जब्त की है।

 

प्रॉपर्टी व्यवसाय करते-करते ठगी में उतरे

आरोपी रोहित शर्मा फ्रीगंज में एक फाइनेंस कंपनी में काम करता है और लोगों को लोन दिलवाता है। उसकी पहचान तराना निवासी प्रॉपर्टी ब्रोकर व बिल्डर सचिन मित्तल से हुई। यह दोनों जरूरतमंदों को अपने जाल में फंसाते और योजना का लाभ दिलाने के नाम पर रुपए वसूलने लगे थे। इसमें सचिन मित्तल पर तो ओम साईं ओम मल्टी में $फ़्लैटों की धोखाधड़ी पर नीलगंगा थाने में प्रकरण भी दर्ज है। इसका एक भाई विकास मित्तल फिलहाल इसी धोखाधड़ी में भैरवगढ़ जेल में बंद है।

 

सात लाख की पर्ची दी तो खुल गई पोल

रोहित और सचिन मित्तल भागीरथ बॉथम को मुख्यमंत्री सहायता योजना में 15 लाख रुपए दिलाने में नाम पर डेढ़ वर्ष से धोखा दे रहे थे। इन्होंने सांसद सुधीर गुप्ता और भोपाल में अधिकारी बनकर भी फोन पर भागीरथ से बात की। आखिर में इन्होंने १५ लाख रुपए में से ७ लाख रुपए स्वीकृत होने की एक पर्ची भागीरथ को दी। इस पर्ची पर जब भागीरथ ने संबंधित विभाग ने पड़ताल की तो पता चला कि ऐसी कोई राशि स्वीकृत नहीं हुई। इसी के बाद से इनकी धोखाधड़ी सामने आ गई।

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