- महाकालेश्वर मंदिर में अब भक्तों को मिलेंगे HD दर्शन, SBI ने दान में दी 2 LED स्क्रीन
- उज्जैन में कला और संस्कृति को मिलेगा नया मंच, 1989.51 लाख रुपये में बनेगा प्रदेश का पहला 1000 सीट वाला ऑडिटोरियम!
- भस्म आरती: रजत के आभूषणों से किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार!
- प्रयागराज महाकुंभ के लिए न्योता देने महाकाल नगरी पहुंचे नेपाली बाबा, मायापति हनुमान मंदिर में विश्राम कर भक्तों से की चर्चा
- Simhastha 2028: घने कोहरे में उज्जैन कलेक्टर ने घाटों का किया निरीक्षण; त्रिवेणी घाट से नाव में बैठकर 29 किमी तक देखी स्थिति, दिए निर्देश
सिंहस्थ की सफलता पर हरिद्वार से रिसर्च
सिंहस्थ महाकुंभ की ख्याति के बाद देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार का एक दल उज्जैन पहुंचा। यह दल यहां की सांस्कृतिक और धार्मिक वैभव पर रिसर्च करेगा। इस दल में देशभर के विद्यार्थी शामिल हैं जो यहां पहुंचे हैं। इस दल के सदस्यों ने बाबा महाकाल की इस धरा पर कदम रखते ही पहले तो यहां बाबा महाकाल का जयघोष किया। यह दल करीब एक हफ्ते तक यहां रुकेगा और उज्जैन सहित आसपास के तीर्थ क्षेत्रों का अवलोकन करेगा।
उज्जैन की सांस्कृतिक और धार्मिक वैभव पर रिसर्च के लिए देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार का एक दल गुरुवार को उज्जैन पहुंचा। दल में करीब ७५ से अधिक सदस्य शामिल हैं। इस दल में देशभर के सभी प्रदेशों के विद्यार्थी उज्जैन पहुंचे हैं जो उज्जयिनी को नये दृष्टिकोण से देखेंगे। सिंहस्थ महापर्व की सफलता के बाद इन विद्यार्थियों को उज्जयिनी पर शोध करने और उसे देखने की इच्छा हुई तो हरिद्वार के इस विश्वविद्यालय ने तत्काल ट्रेन की बोगियां बुक करा दीं। विश्वविद्यालय का यह दल बुधवार सुबह हरिद्वार से ट्रेन से निकला था जो आज सुबह उज्जैन पहुंचा।
तीर्थ क्षेत्रों का भ्रमण और यूनिवर्सिटी भी देखेंगे
विद्यार्थी यहां उज्जैन में सभी तीर्थ क्षेत्रों को देखेंगे और यहां की सांस्कृतिक वैभव को परखेंगे। यहीं नहीं वे यहां भगवान श्री महाकाल में भस्मारती और पूजा पद्धति के साथ शक्तिपीठ मां हरसिद्धि के दर्शन कर इसके महत्व को देवभाषा संस्कृत के श्लोकों के बांधेंगे। साथ ही चौबीस खंभा की मां महामाया और महालाया के इतिहास को भी जानेंगे। इनके अलावा राजा भर्तृहरि और मंगलनाथ के साथ सांदीपनि आश्रम पर भी शोध-अध्ययन होगा। इनके अलावा ये विद्यार्थी विक्रम विश्वविद्यालय और पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय भी जाएंगे और यहां के विद्यार्थियों के साथ इनके प्रोफेसरों और कुलपतियों से मुलाकात कर अन्य विद्वानों से चर्चा कर उनकी क्लास में शामिल होंगे।