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सुबह फायर ब्रिगेड की टीम ने निकाला:सांप दिखने पर भागा व्यक्ति पानी से भरे कुंड में गिरा, रातभर पत्थर के सहारे खड़ा रहा
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जाको राखे सांईया मार सके ना कोय वाली कहावत उज्जैन के ढांचा भवन निवासी विमलेश चतुर्वेदी के साथ चरितार्थ हुई है। सांप से दिखने पर घबराकर भागा व्यक्ति मिल भूमि परिसर में पानी से भरे गहरे कुंड में जा गिरा। किसी तरह तैरकर किनारे तक पहुंच पानी में पत्थर की एक पाली के सहारे रातभर मदद को आवाज लगाता रहा। सुबह सवा छह बजे पशुपति नाथ मंदिर खोलने पहुंचे पुजारी ने आवाज सुनी तो फायर ब्रिगेड को सूचना दी। टीम ने पहुंचकर उसे रस्से व सीढ़ी की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
कुंड से बाहर निकाले जाने विमलेश ने फायर अमले को बताया कि वह रात 10 बजे करीब पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन को गया था। इस दौरान वहां वापसी में सांप दिखने पर घबराकर भागा तो संतुलन बिगड़ने से पानी के गहरे कुंड में जा गिरा। तैरना आता था इस कारण एक किनारे तक पहुंचा जहां कुंड की दीवार में लगे पत्थर को पकड़कर मदद के लिए काफी आवाज लगाई। रातभर चिल्लाता रहा कि मैं यहां पानी में गिर गया हूं मुझे बचा लो। सुबह सवा छह बजे करीब मंदिर के पुजारी पुरुषोत्तम चौबे ने देखा तो फायर ब्रिगेड को सूचना देकर बुलवाया तब मुझे बाहर निकाला।
पंडितजी फायर ब्रिगेड कार्यालय आए, बोले- एक व्यक्ति कुंड में फंसा है
फायर मैन पप्पू चौहान ने बताया सुबह सवा छह बजे फायर ब्रिगेड कार्यालय पर पशुपतिनाथ मंदिर के पंडित जी पहुंचे, बोले कि जल्दी चलो मंदिर के पास पानी के गहरे कुंड में एक व्यक्ति मदद को पुकार रहा है। ये सुन हमने कहा- अब तक जिंदा थोड़ी होगा। हम खोजबीन के अन्य संसाधन ले लेते है। पंडित जी ने कहा वह जिंदा है और कुंड में पाली पकड़ लटका हुआ है। मैं तत्काल ड्राइवर कुलदीप सिसौदिया व टीम के साथी भारतसिंह व विक्रमसिंह को लेकर मौके पर पहुंचा।
हमने रस्सी फेंकी ताकि युवक को खींच सके लेकिन युवक रातभर पानी में रहने से बुरी तरह थक चुका था। उससे रस्सी बार-बार छूट रही थी। फिर हमने सीढ़ी डाली व मदद से उसे बाहर निकालकर लाए। एक घंटे के भीतर हमने उसे सुरक्षित निकाल लिया। इस तरह रातभर पानी से भरे कुंड में खड़ा रहा युवक। इस तरह रातभर पानी से भरे कुंड में खड़ा रहा युवक।