सेफर इंटरनेट डे आज: इंटरनेट एक अद्भुत आविष्कार, दुष्परिणाम उतने ही खतरनाक

Ujjain News: एंड्राइड मोबाइल से नेट चलाने वाले बच्चों में आ रही मानसिक विकृति

उज्जैन. इंटरनेट एक अद्भुत आविष्कार है, जिसने नि:संदेह दुनिया को कई तरीकों से बदल दिया है, जितना हम सोच सकते हैं उससे कहीं ज्यादा। इसके जरिए हम तेजी से लोगों से जुड़ सकते हैं, चीजों को आसान बना सकते हैं और प्रकाश की गति से जानकारी आदान-प्रदान कर सकते हैं। संचार की दुनिया में यह बहुत बड़ी क्रांति है। लेकिन इंटरनेट का उपयोग हमारे बच्चों और निजी जीवन पर विपरीत भी पड़ रहा है। सेफर इंटरनेट डे (सुरक्षित इंटरनेट दिवस) हमें याद दिलाता है कि हम नेट के खतरों से खुद को और बच्चों को बचाएं और सभी के लिए थोड़ा सुरक्षित बना सकते हैं।

सुरक्षित इंटरनेट दिवस 2012 में आधिकारिक रूप से अस्तित्व में आया, जब यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी और यूरोपीय आयोग ने फैसला किया कि यह एक-दूसरे की मदद करने के लिए है। पेशेवर लोगों को अपना गोपनीय दस्तावेज सहेजकर रखना होता है। यही वजह है कि कम्प्यूटर या मोबाइल का डेटा हम पेन ड्राइव या अन्य में सेव करते हैं। काम के अनुरूप हम अपना खास डेटा बनाते हैं, ताकि समय पर वह काम आ सके। व्यापारी भी अपने हिसाब-किताब का सारा डेटा कम्प्यूटर में रखते हैं।

 

नेट से बच्चों को दूर रखना जरूरी

इंटरनेट का उपयोग हम जरूरी फाइलें, सामग्री, फोटो या उपयोगी जानकारी के लिए करें, वहां तक तो ठीक है, लेकिन वर्तमान दौर में अधिकांश युवक-युवतियों और छोटे बच्चों के हाथों में एंड्राइड फोन देखा जाता है। इससे उनमें मानसिक विकृतियां बढऩे लगी हैं। समाज में जो वैमनस्यता देखी जा रही है, उसके पीछे कहीं न कहीं नेट का गलत तरीके से उपयोग होना ही है।

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