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20 साल की उम्र में बना साइबर ठग
पश्चिम बंगाल के मालदा से पकड़कर आए 20 साल के साइबर ठग सागर कर्माकर को उज्जैन पुलिस ने शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। अदालत ने उसे सात दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंपा है। ठग ने प्रारंभिक पूछताछ में उत्तर प्रदेश व तमिलनाडु में भी ठगी की वारदात कबूली है। रिमांड अवधि में पुलिस उससे वाईफाई राउटर व ठगी किए हुए रुपए भी जब्त करने की कोशिश करेगी। इसके अलावा उसके नेटवर्क को भी खंगालेगी।
गौरतलब है कि साइबर ठग सागर ने उज्जैन के विशाल खान से फेसबुक पर दोस्ती की। फिर उसे बिट क्वाइन धंधे में कमीशन देने का ऑफर देकर झांसे में लिया। कमीशन की लालच में विशाल ने सागर को अपने बैंक खाते की डिटेल बता दी। इस तरह से सागर ने उसके खाते से 1 लाख 15 हजार रुपए की ऑनलाइन धोखाधड़ी कर ली। 6 फरवरी को यह मामला जीवाजीगंज पुलिस के पास पहुंचा।
ठग को उसी के तरीके से दी मात, फेसबुक पर बनाई फेक आईडी और पकड़ में आ गया
थाना प्रभारी मनीष मिश्र साइबर तकनीक में दक्ष हैं, इसलिए उन्होंने ठग को उसी के तरीके से पकड़ने का प्लान एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल व एएसपी अमरेंद्र सिंह को बताया। दोनों अधिकारी इंसपेक्टर मिश्र के प्लान से सहमत हो गए। इंसपेक्टर मिश्र ने बताया कि हमने ठग को उसी के तरीके से जाल में फंसाया। फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाई। उस पर बिट क्वाइन संबंधी जानकारी डालते ही ठग ने संपर्क कर लिया। बातचीत में उसका भरोसा जीता, इस बीच उसकी पूरी डिटेल पता कर ली। एसपी शुक्ल व एएसपी सिंह ने सरकारी खर्च पर मुझे व दो पुलिसकर्मियों को फ्लाइट से कोलकाता भेजा। वहां से 400 किमी गाड़ी से मालदा पहुंचे। रात में ही दबिश देकर सागर कर्माकर दबोच लिया।
नाइजीरियन के हाथों खुद भी 800 डालर की ठगी का हो चुका है शिकार
इंसपेक्टर मिश्र ने बताया कि ठग करमाकर नई उम्र का साइबर अपराधी है। दो साल पहले वह कोलकाता में कालसेंटर पर ट्रेडिंग का काम करता था। यहीं ठगी का तरीका सीखा। वह खुद भी नाइजीरियन के हाथों 800 डालर की ठगी का शिकार हो चुका है।