25 वर्षों से था करोड़ों की सरकारी भूमि पर कब्जा कारखानों पर चली जेसीबी

बड़ी संख्या में जमा हो गए लोग, जूना सोमवारिया रिंगरोड़ आशुमाता मंदिर के पास नगर निगम बनाएगा पानी की टंकीजूना सोमवारिया रिंगरोड़ आशु माता मंदिर के पास लगी नगर निगम की करोड़ों रुपये कीमत की जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर यहां कारखाने लगा दिये थे। खास बात यह कि यह जमीन सिंहस्थ क्षेत्र में आती है और नगर निगम झोन से आधा किलोमीटर दूर स्थित है। मामला लंबे समय तक कोर्ट में विचाराधीन रहा और केस जीतने के बाद सुबह नगर निगम की अतिक्रमण हटाने वाली गैंग के साथ अधिकारी यहां पहुंचे और जेसीबी से अवैध निर्माण तोड़ डाले। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस फोर्स पूरे समय तैनात रहा।

उज्जैन:नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि जूना सोमवारिया इनर रिंग रोड़ स्थित आशु माता मंदिर के पास नगर निगम की 3.5 एकड़ जमीन है। इस जमीन पर युसूफ मोहम्म्द पिता गुल मोहम्मद व अन्य ने वर्ष 1995 से कब्जा कर रखा था। लोगों ने यहां पतरे के शेड बनाकर पलंगपेटी, अलमारी बनाने के कारखाने, कोटा स्टोन कारखाना आदि डाल लिये थे। जमीन से अतिक्रमण हटाने का नगर निगम ने नोटिस दिया तो मामला कोर्ट में पहुंच गया। तभी से कोर्ट में जमीन को लेकर सुनवाई चल रही थी और फैसला नगर निगम के पक्ष में आने के बाद जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है।

 

स्वयं हटाने लगे सामान

नगर निगम अधिकारी दो जेसीबी, डम्पर और भारी पुलिस फोर्स के साथ यहां अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे। कार्रवाई शुरू होने से पहले कब्जा करने वालों ने अधिकारियों से बहस की और जमीन से संबंधित कागजात भी दिखाये, लेकिन अधिकारियों ने जेसीबी कारखानों के सामने खड़ी करवाई और तोडफ़ोड़ के आदेश दिये। जैसे ही जेसीबी चलने लगी तो विरोध कर रहे लोगों ने अधिकारियों से कहा कि हम अपना सामान स्वयं हटा लेते हैं। इसके बाद कारखाने में रखी पलंगपेटी, गोदरेज की अलमारी आदि हटा लिये गये।

 

स्मार्ट सिटी योजना में बन रही टंकी

नगर निगम द्वारा स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत आशु माता मंदिर के पास उच्च स्तरीय पानी की टंकी का निर्माण शुरू कराया गया है। इस टंकी की क्षमता 2270 किलोलीटर है, ऊंचाई 20-22 मीटर और लागत करीब 15 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस टंकी का निर्माण कार्य 7 मार्च 19 से शुरू हो चुका है और इस कार्य को पूर्ण करने की समय सीमा 30 सितम्बर 2020 निर्धारित है। कुल 18 माह में इस टंकी का निर्माण पूर्ण होना था। हालांकि वर्तमान में ठेकेदार द्वारा 10 प्रतिशत कार्य भी नहीं किया गया है, जबकि इसी निर्माणाधीन टंकी के पास उक्त अतिक्रमण था जिस कारण काम में परेशानी आ रही थी। नगर निगम अधिकारियों ने संभवत: इसी के चलते अतिक्रमण तोडऩे की कार्रवाई की।

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