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खबर का असर: नेशनल कॉम्पिटिशन खेल घोटाले में मंत्री पटवारी ने लिया संज्ञान
ईओडब्ल्यू को भेजी शिकायत, जांच जल्दी
खास बात
कबड्डी व हैंडबॉल प्रतियोगिता हुई थी।
करीब 1.24 करोड़ रुपए का बजट था।
होटल के बील में फर्जीवाड़े का आरोप।
खेल विभाग में अयोग्य की भी भर्ती।
50 लाख रुपए गबन की शिकायत ।
उज्जैन।तीन साल पहले हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में ५० लाख रुपए के आरोप तात्कालीन अधिकारियों के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं। अक्षरविश्व में प्रकाशित खबर को उच्च शिक्षा एवं खेल युवक कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने गंभीरता से लेते हुए ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो) भोपाल को शिकायत भेजी है।
जिले में २०१५-१६ में जिले में हेंडबाल व कब्बडी की नेशनल प्रतियोगिता हुई थी। आयोजन के लिए खेल एवं कल्याण विभाग से १.२५ करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया था। आरोप है कि तात्कालीन जिला खेल अधिकारी (वर्तमान खंडवा डीएसओ) रीना चौहान (अजनारिया) ने खिलाडिय़ों को धर्मशाला में ठहराया, लेकिन लाखों रुपए का बिल होटल का लगाया।
कैटरिंग में भी ऐसे ही धांधली की। घोटाले में भोपाल में पदस्थ तात्कालीन उप संचालक विनोद प्रधान (वर्तमान सहा. संचालक) भी शामिल थे।लेकिन प्रधान के संघ से जुड़े होने के कारण जांच नहीं हो पाई थी। मामले में अक्षरविश्व में १६ अप्रैल को खबर प्रकाशित होने पर मंत्री पटवारी ने मंगलवार को जांच के आदेश देते हुए भोपाल में मीडिया को जानकारी दी। गुरुवार को उनसे संपर्क किया, लेकिन सभा में होने के कारण उनसे चर्चा नहीं हो पाई।
फर्जी भर्ती भी : सूत्रों की माने तो प्रधान पर आरोप है कि उन्होंने ६ अयोग्य लोगों को फर्जी तरीके से नियुक्त भी किया था। इनमें रीना चौहान का भी नाम थे। इन्हें फर्जी नेशनल खिलाड़ी बताया गया था।
प्रतियोगिता 56 लाख, खाना बेकार
रिकार्डनुसार जूनियर बालक-बालिका कबड्डी प्रतियोगिता ३ से ७ जनवरी २०१६ तक हुई थी। विभाग ने किश्तों में ५६ लाख रुपए भेजे थे। बावजूद खिलाडिय़ों को रहन-सहन व खान-पान की क्वालिटी निम्न स्तर की थी और बिल लाखों रुपए के लगाए थे।
जिम्मेदार बोल आरोप झूठे
इस संबंध में विनोद प्रधान का कहना है कि राशि अलाटमेंट के बाद उनका हस्तक्षेप नहीं होता खेल अधिकारी जिम्मेदार होते हंै। वहीं रीना चौहान ने प्रतियोगिता का हिसाब महाकोष एवं लेखा से ऑडिट करवाने का दावा करते हुए आरोपों को झूठा बताया था।
800 खिलाड़ी 14 कमरों में
सूत्रों के अनुसार हेंडबाल 11 से 16 अक्टूबर 2014 तक हुई पांच दिवसीय प्रतियोगिता के लिए किश्तों में 65 लाख रुपए आए थे। देश भर से आए 800 खिलाडिय़ों को धर्मशाला में ठहराया गया था, लेकिन देवासगेट स्थित 14 कमरे वाली ब्रिलियंट होटल का लाखों रुपए का बिल लगाया गया।
कैटरिंग में भी धांधली
खेल विभाग के अनुसार प्रतियोगिता नाक आउट पद्धती से खेल होने के कारण प्रतिदिन खिलाड़ी कम होते गए। बावजूद अंकित केटरर्स को 10 से 17 अक्टूबर तक खिलाडिय़ों के खानपान दर्शाते हुए 19.20 लाख का भुगतान का बिल लगाया गया है।