महाकाल पूजन के भाजपा ने निकाली विजय आभार रैली

उज्जैन। सांसद अनिल फिरोजिया बसंत विहार स्थित हनुमान मंदिर में पूजन अर्चन के बाद सीधे महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। गर्भगृह में उन्होंने अपनी मां सावित्री फिरोजिया और छोटी बहन पिंकी फिरोजिया के साथ भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन किया। करीब 30 मिनिट तक पूजन के दौरान गर्भगृह के बाहर विधायक पारस जैन व अन्य भाजपा नेता मौजूद रहे।
प्रसाद मां की झोली में
भगवान महाकाल का पूजन करने के बाद पुजारियों द्वारा सांसद को तिलक लगाकर प्रसाद, पुष्प आदि भेंट किया गया जिसे उन्होंने अपनी मां की झोली में डाल दिया। इसके बाद वह नंदगृह पहुंचे। यहां नंदीजी की पूजन के बाद उनके कान में कुछ शब्द भी कहे। पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भगवान महाकालेश्वर से शहर की समृद्धि, उन्नति की कामना की।

हां मैं भी चौकीदार हूं…
महाकाल मंदिर से सांसद फिरोजिया की आभार रैली 9.48 पर शुरू हुई। सबसे आगे डीजे पर हां मैं भी चौकीदार हूं… गीत बज रहा था। इसके पीछे 8 ढोलों पर भाजपा की महिला नेत्रियां आकर्षक वेशभूषा में खुशी का इजहार करते चल रहे थीं। जीप के आगे डीजे और 10 ढोल बज रहे थे। इस काफिले के बीच में भाजपा नेता व कार्यकर्ताओं की भीड़ झंडे लहराते चल रहे थे। जीप पर लगे माइक से नेताओं द्वारा मतदाताओं के आभार के नारे भी लगाये जा रहे थे।

विधायक जैन के डांस पर कार्यकर्ता उत्साहित
मंदिर में दर्शनों के बाद अनिल फिरोजिया जहां वस्त्र बदल रहे थे उसके पहले उज्जैन उत्तर विधायक पारस जैन मंदिर के बाहर आ गये जहां उन्हें समर्थकों के साथ ढोल वालों ने घेर लिया। विधायक जैन भी भाजपा की देश और उज्जैन में प्रचंड जीत से उत्साहित थे और वह ढोल की थाप पर न सिर्फ डांस करते नजर आये बल्कि 10-50 के नोट भी न्यौछावर किये। विधायक जैन को डांस करते देख भाजपा नेता व कार्यकर्ता भी जोश से भर गये।

नेताओं व समर्थकों की भीड़
सांसद जब मंदिर के गर्भगृह में पूजन अर्चन कर रहे थे। उस दौरान महाकाल मंदिर के बाहर सैकड़ों नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ एकत्रित हो गई। 30 से अधिक ढोल, दो डीजे मंदिर के बाहर लगातार बज रहे थे और नेता उत्साह में नारे लगाते हुए डांस कर रहे थे। इसके बाद आभार रैली रवाना हुई।

पूर्व सांसद का भी स्वागत
पूर्व सांसद डॉ. चिंतामणि मालवीय भी गर्भगृह के द्वार तक पहुंचे। वे गर्भगृह में प्रवेश का प्रयास करने लगे लेकिन यहां मौजूद मंदिर कर्मचारियों ने ड्रेसकोड का हवाला देकर उन्हें रोक दिया। इसके बाद मालवीय वापस मंदिर के बाहर चले गये जहां कार्यकर्ताओं द्वारा उनका मालाएं पहनाकर स्वागत किया गया।

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