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शहर में सिटी बसों के पहिये थमे हड़ताल से यात्री परेशान
उज्जैन। जेएनएनयूआरएम योजना के अंतर्गत शहरवासियों को लोकपरिवहन के लिये सिटी बस की सौगात नगर निगम द्वारा 10 वर्ष पूर्व दी गई थी। नगर निगम यूसीटीएसएल का गठन कर इन बसों को ठेकेदार के माध्यम से शहर में संचालित करवा रही थी।
ठेकेदारों ने बसों का भरपूर दोहन करने के बाद रुपया भी कमाया और वर्तमान में खटारा कंडीशन में बसें डिपो में खड़ी कर दी गईं। इन बसों पर काम करने वाले करीब 70 चालक-परिचालकों को दो माह से वेतन नहीं मिला, ठेकेदार ने ईपीएफ के रुपये काटे लेकिन खाते में जमा नहीं कराये। नगर निगम अधिकारियों की उदासीनता और अनदेखी के कारण सिटी बस कर्मचारियों के सामने बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गई और उनका जीवन यापन भी दूभर हो गया इसी के चलते सुबह चालक-परिचालकों ने मक्सीरोड़ स्थित नगर निगम डिपो में नारेबाजी के बाद सिटी बसों का शहर में संचालन पूरी तरह बंद कर दिया।
इसलिये बने हालात
शहर में सीएनजी सिटी बसों का संचालन रायल ट्रेवल्स के ठेकेदार द्वारा किया जा रहा था, लेकिन तीन माह पहले ठेकेदार द्वारा इन बसों के चलाने में असमर्थता जताई गई और आयुक्त के निर्देश पर उक्त ठेका निरस्त कर दिया गया। ठेकेदार ने सभी 18 सीएनजी सिटी बसें डिपो में खड़ी कर दीं जो खटारा हालत में थी। मात्र 7 बसें संचालन योग्य थीं जिन्हें कल तक तीन नंबर रूट नानाखेड़ा से इंदिरा नगर तक यूसीटीएसएल द्वारा संचालित किया जा रहा था, जबकि 11 बसें बंद होने से 70 चालक-परिचालकों के सामने बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गई। इन कर्मचारियों को दो माह से वेतन भी नहीं मिला।
इसकी शिकायत नगर निगम आयुक्त, सीएम हेल्पलाइन पर करने के बाद भी कोई निराकरण नहीं हुआ तो सुबह चालक-परिचालक डिपो पर एकत्रित हुए और नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शहर में सिटी बसों के संचालन को पूरी तरह बंद करने का ऐलान कर दिया।
बस चालक और परिचालक ने बताई परेशानी
नगर निगम द्वारा कुल 39 सीएनजी सिटी बसें लोक परिवहन के लिये खरीदी थीं जिनमें से मात्र 7 बसें संचालित हो रही हैं। 70 चालक-परिचालकों को प्रतिदिन काम नहीं मिल रहा।
-विष्णु बैरागी, परिचालक
दो माह से वेतन नहीं मिला, घर में शादी थी, ब्याज पर रुपये लेकर काम चलाना पड़ा। अधिकारियों से शिकायत करने जाते हैं तो सिर्फ आश्वासन मिलता है। समस्या का निराकरण नहीं होता।
-श्याम जायसवाल, सिटी बस चालक
ठेकेदार ने बस संचालन के दौरान वेतन से ईपीएफ की राशि काटी, लेकिन खाते में जमा नहीं कराई। आयुक्त ने रुपये दिलाने की बात कही लेकिन आज तक राशि की वसूली नहीं की गई है।
-राजेन्द्र राठौर, सिटी बस चालक